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महाराष्ट्र आपदा प्रबंधन प्राधिकरण का पुनर्गठन … दादा का चयन शिंदे का पत्ता कट!… सीएम ने दिया शिंदे को फिर झटका

सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार गठन के बाद विभिन्न कारणों से महायुति में महाकलह जारी है। हाल ही में नासिक और रायगड जिलों के लिए पालक मंत्रियों की नियुक्ति को लेकर विवाद हुआ था। दादा गुट की अदिति तटकरे को रायगड का पालक मंत्री चुने जाने के बाद शिंदे गुट के नेता भरत गोगावले ने कड़ी आपत्ति जताई। गिरीश महाजन को नासिक में पालक मंत्री का पद भी दिया गया। यहां भी शिंदे गुट के दादा भुसे पालक मंत्री पद के इच्छुक हैं।
इस विवाद पर एकनाथ शिंदे ने कहा कि अगर पार्टी के नेता पालक मंत्री का पद चाहते हैं तो इसमें कुछ भी गलत नहीं है। इसके अलावा परिवहन महामंडल पर सेठी की नियुक्ति, शिंदे की शुरू की गई योजनाओं को रद्द करने और जांच बैठाने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शिंदे को एक और झटका दिया है। राज्य सरकार ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एसडीएमए) का पुनर्गठन किया है। मुख्यमंत्री इस नौ सदस्यीय प्राधिकरण की अध्यक्षता करते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की जगह उप मुख्यमंत्री अजीत पवार को अन्य सदस्यों में शामिल किया गया है।
महायुति सरकार ने नौ सदस्यीय प्राधिकरण की घोषणा की। राज्य का मुख्य सचिव मुख्य कार्यकारी अधिकारी होता है। अन्य सदस्यों में राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले, आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन, राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव-पाटील (दादा गुट) और सार्वजनिक स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश आबिटकर शामिल हैं। आबिटकर गुट के एकमात्र सदस्य हैं। गैर-सरकारी सदस्यों में आईआईटी मुंबई के प्रो. रवि सिन्हा और प्रो. दिपांकर चौधरी का समावेश है।

वरिष्ठता के आधार पर नियुक्ति का कोई नियम नहीं
राहत एवं पुनर्वास विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि प्राधिकरण का गठन आपदा प्रबंधन अधिनियम, २००५ के नियमों और विनियमों के तहत किया गया है। वित्त विभाग संभालने वाले एक उप मुख्यमंत्री को प्राधिकरण में शामिल किया गया है। वरिष्ठता के आधार पर सदस्यों की नियुक्ति का कोई नियम नहीं है। अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, अध्यक्ष अपने अतिरिक्त प्राधिकरण में केवल आठ सदस्यों की नियुक्ति कर सकता है।

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