सामना संवाददाता / मुंबई
कुर्ला के क्रिश्चियन गांव के निवासियों ने मुंबई मनपा के उनके गांवठण को ‘स्लम’ घोषित करने के फैसले का कड़ा विरोध किया है। इसके खिलाफ उन्होंने मुख्यमंत्री और मनपा आयुक्त को पत्र भेजने के लिए हस्ताक्षर अभियान शुरू किया है।
रिपोर्ट की मानें तो मनपा द्वारा २८ फरवरी २०२५ को जारी किए गए नोटिस में कहा गया कि झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) के माध्यम से मनपा क्षेत्र में स्थित झुग्गीवासियों का बायोमेट्रिक सर्वेक्षण किया जाएगा। इस सर्वे में निर्माणों को नंबर देने, जीआईएस मैपिंग, फिंगरप्रिंट और फोटोग्राफिक डेटा एकत्र करने की प्रक्रिया शामिल है।
इस नोटिस के बाद विवाद बढ़ गया, जिस पर एसआरए ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि गांवठण और कोलीवाड़े उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते और वे इनका सर्वेक्षण नहीं करते। वहीं मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नोटिस का गलत अर्थ निकाला गया है। उन्होंने बताया कि गांवठण का सर्वे नहीं, बल्कि केवल ४५ झोपड़ियों का सर्वे किया जा रहा है, जो सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज हैं।
स्थानीय समुदाय ने इस फैसले को अपनी संस्कृति और विरासत मिटाने की कोशिश बताया है। उनका कहना है कि यह बाहरी लोगों के हित में इलाके की पहचान बदलने का प्रयास है। उन्होंने मांग की है कि मनपा नोटिस में बदलाव करे और ‘क्रिश्चियन गांव’ का जिक्र हटाए। अब देखना यह है कि प्रशासन इस विरोध पर क्या रुख अपनाता है।