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परिणाम अनपेक्षित, अनाकलनीय … ‘कुछ तो गड़बड़ है, पर निराश न हों!’ …उद्धव ठाकरे ने दिया महाराष्ट्र की जनता के साथ सदैव खड़े रहने का वचन

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य में जब महंगाई, बेरोजगारी और भ्रष्टाचार को लेकर भाजपा सरकार के खिलाफ भारी आक्रोश था, फिर भी राज्य में महायुति को एकतरफा सफलता मिली। किसान आत्महत्या कर रहे हैं, महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं, प्यारी बहनों के सामने यह सवाल है कि घर कैसे चलाएं, सोयाबीन का मूल्य नहीं है, कपास का भाव नहीं रहा। ऐसा सवाल उठाते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि अब लोगों के मन में संदेह है। लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या उन्होंने महायुति को चुना है? उन्होंने कहा कि यह परिणाम अनाकलनीय, अविश्वसनीय एवं अनपेक्षित है। क्या जनता इस नतीजे से सहमत है? जरूर कुछ गड़बड़ है। इसे लेकर जनता के मन में आक्रोश भी दिख रहा है।

लोगों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे!
उद्धव ठाकरे ने जनता को दिलाया विश्वास

चुनाव परिणाम आने के बाद शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह अनपेक्षित और अनाकलनीय है। इसके साथ ही उन्होंने शिवसैनिकों और महाराष्ट्र के सभी लोगों को निराश नहीं होने और नहीं रुकने की अपील करते हुए कहा कि कुछ ही दिनों में इस रहस्य का पता लगाना होगा। उन्होंने यह भी वादा किया कि वह महाराष्ट्र के हितों के लिए लड़ते रहेंगे और लोगों के साथ मजबूती से खड़े रहेंगे।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति की एकतरफा जीत के बाद ‘मातोश्री’ आवास पर पत्रकारों से बातचीत करते हुए उद्धव ठाकरे ने नतीजों पर अपना मत रखा। उन्होंने यह समझाते हुए कहा कि उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि महाराष्ट्र की जनता ने ऐसा नतीजा दिया होगा। उन्होंने कहा कि हम महाराष्ट्र के विकास के लिए लड़ते रहेंगे। इसके साथ ही यह भी सवाल उठाया कि लोकसभा चुनाव में महाविकास अघाड़ी की सफलता को देखते हुए चार महीने में नतीजे इतने वैâसे बदल सकते हैं? शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी समेत घटक दलों की बैठकों में भीड़ उमड़ी, वहीं मोदी-शाह की बैठकों में कुर्सियां ​​खाली नजर आर्इं। शिंदे के भाषण जारी होने के बावजूद लोगों को उनकी सभाओं से बाहर निकलते देखा गया। तो क्या ये लोग जो इनकी सभाओं में नहीं जाते थे वे भाजपा को वोट देने का फैसला कैसे कर सकते हैं? उद्धव ठाकरे ने कहा कि भाजपा का रुख है कि कोई विरोध नहीं रहना चाहिए इसीलिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. पी. नड्डा ने बयान दिया था। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव और एक पार्टी’ राष्ट्रहित के लिए डरावनी बात है। उद्धव ठाकरे ने यह भी कहा कि भाजपा की सफलता की यह कोई लहर नहीं, बल्कि सुनामी है। उद्धव ठाकरे ने सवाल उठाया कि क्या जनता ने बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी के लिए वोट दिया, जबकि हमने बहुत ईमानदारी से मुद्दे उठाए थे। उन्होंने यह भी सवाल उठाया कि क्या ‘असली’ भाजपा का मुख्यमंत्री बनेगा। उन्होंने यह भी बताया कि शिंदे को अब देवेंद्र फडणवीस के अधीन काम करना होगा। उन्होंने महायुति को चुनौती देते हुए कहा कि जनता से किए गए वादों को जल्द से जल्द पूरा करें। प्यारी बहन को २,१०० रुपए दें, किसानों को कर्ज मुक्त करें और सभी वादों को जल्द से जल्द पूरा करें।

‘विरोधी पक्ष को साथ लेकर काम करेंगे!’
लोकतंत्र में एक मजबूत विरोधी पक्ष का होना बहुत जरूरी है इसलिए विरोधी पक्ष से चुने गए लोगों का हम सम्मान करेंगे, चाहे उनका आवाज छोटा हो या बड़ा, जो सही बातें होंगी, उन पर सही प्रतिक्रिया देते हुए हम विरोधी पक्ष को साथ लेकर काम करेंगे, ऐसा निवर्तमान उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा। विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद देवेंद्र फडणवीस ने मीडिया से संवाद किया। फडणवीस ने कहा, ‘आज के परिणाम ने यह स्पष्ट कर दिया है कि पूरा महाराष्ट्र नरेंद्र मोदी के साथ है। मोदी जी ने जो नारा दिया, ‘एक हैं तो सेफ हैं’, यह नारा समाज के सभी वर्गों के लोगों ने मिलकर सफल किया है। सभी ने एकजुट होकर मतदान किया। इस जीत के लिए मैं अपनी प्यारी बहनों का विशेष आभार व्यक्त करता हूं। महाराष्ट्र की जनता के सामने हम नतमस्तक हैं।’ मुख्यमंत्री पद को लेकर निर्णय पर फडणवीस ने कहा, ‘अमित शाह जी ने मुख्यमंत्री पद के बारे में पत्रकार सम्मेलन में बताया था कि तीनों पार्टी के नेता मिलकर इस पर निर्णय लेंगे। इस बारे में कोई विवाद नहीं है। पहले दिन से ही यह तय था कि चुनाव परिणाम के बाद तीनों पार्टी के नेता मिलकर इस पर निर्णय लेंगे। उस बैठक में जो भी निर्णय होगा, वह हम सभी को स्वीकार होगा।’

 

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