विक्रम सिंह / सुलतानपुर
करीब पांच वर्ष पूर्व मोतिगरपुर थानाक्षेत्र के एक गांव में बालिका को अगवा करके दुष्कर्म किए जाने के मामले में सुलतानपुर की विशेष अदालत (पॉक्सो एक्ट) ने दो अभियुक्तों को दोषी मानते हुए सजा सुना दी है। मुख्य आरोपी शब्बीर को दस वर्षों का कठोर कारावास, ३५ हजार जुर्माना व उदयराज को पांच वर्ष का कठोर कारावास व २५ हजार रुपए जुर्माने की सजा भोगनी पड़ेगी।
पीड़ित पक्ष के मुताबिक, पीड़ित बालिका को बहला-फुसलाकर दोनों आरोपियों ने आधारकार्ड व अन्य अभिलेख तथा 19 हजार रुपए की नकदी मंगाई थी, जिसे लेकर वो उदयराज के पास पहुंच गई। कागजात व पैसा लेकर उदयराज ने उसे शादी का झांसा देकर शब्बीर की मोटरसाइकिल पर बिठा दिया। इसके बाद नहर के निकट ले जाकर किशोरी के साथ शब्बीर ने दुष्कर्म किया। वारदात के बाद अभियुक्त शब्बीर ने पीड़िता को सरेराह बाइक से ले जाकर अनजान जगह पर छोड़ दिया और पुलिस से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। पीड़िता किसी तरह अपने घर आई और मां को आपबीती सुनाई, तब जाकर १३ जुलाई, २० को मोतिगरपुर थाने में दोनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज हो सका था।
अदालत में गवाही व सबूत के आधार पर दोनों आरोपियों के खिलाफ ट्रायल चला। अभियोजन पक्ष से पैरवी कर रहे विशेष लोक अभियोजक रवींद्र प्रताप सिंह व अधिवक्ता विजय बहादुर यादव ने मजबूती से साक्ष्य और सबूत पेश करके दोनों आरोपियों की वारदात में सक्रिय भूमिका बताई और दोषी कड़ी सजा से दंडित किए जाने के लिए मांग की। उभय पक्षों की दलील सुनने के पश्चात विशेष न्यायाधीश नीरज कुमार श्रीवास्तव ने दोस्तपुर थानांतर्गत जयचंदपुर निवासी शब्बीर अहमद व मोतिगरपुर थानांतर्गत बढौनाडीह निवासी उदयराज वर्मा को दोषी मानते हुए सजा सुना दी है।