उमेश गुप्ता / वाराणसी
कश्मीर में इन दिनों अशांति फैली हुई है। आतंकी गतिविधियों द्वारा भारतीय सैनिकों को प्रतिदिन निशाना बनाया जा रहा है। ऐसे में आतंकवाद की समाप्ति के लिए वाराणसी में महाकाल की पूजा-अर्चना की गई। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर सैनिकों की रक्षा के लिए प्रार्थना की गई।
अस्सी स्थित डुमराव बाग मठ में भारतीय सैनिकों की रक्षा के लिए 51 वैदिक विद्वानों द्वारा अनुष्ठान का आयोजन किया गया। विद्वानों ने महामृत्युंजय मंत्र का जाप कर कश्मीर में भारतीय सैनिकों की रक्षा व विश्व के कल्याण की कामना की। इस दौरान प्राकृतिक आपदा से रक्षा की भी प्रार्थना हुई। मान्यता है कि महामृत्युंजय मंत्र का जप भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है और साथ ही इस मंत्र के जप से अकाल मृत्यु से रक्षा भी होती है। ऐसा माना जाता है कि अगर किसी के घर में कोई गंभीर रूप से बीमार तो महामृत्युंजय मंत्र का रोजाना 108 बार जप करने से शीघ्र ही लाभ होने लगता है। महाकाल की पूजा के साथ ही रोजाना इस मंत्र का जप किया जाए, तो जातक के ऊपर से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
स्वामी नरेंद्रानंद सरस्वती ने कहा कि शशांक शेखर, विशेश्वर की नगरी में कालों के काल महाकाल मृत्युंजय की आराधना साधना उपासना किया जा रहा है, जिसमें विधि-विधान से उन शक्तियों की आराधना उपासना की जा रही है, जो भारत की रक्षा करते हैं। इस दौरान अजेय भारत व अखंड भारत की कामना की गई। साथ ही राष्ट्र विरोधी शक्तियों के सफाए के लिए प्रार्थना की गई।