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घड़े के आगे आरओ फेल! …कोलेस्ट्रॉल की मात्रा भी कम करता है मटका

धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
पीने के पानी से होनेवाली विभिन्न बीमारियों से बचाव के लिए वॉटर फिल्टर जैसे तमाम आधुनिक संसाधनों को भले ही लोग अपना रहे हैं, लेकिन आज भी घरों में मिट्टी के मटके की मांग कम नहीं हुई है। कई लोग कहते हैं कि मटके का पानी स्वादिष्ट होता है। इसके साथ ही चिकित्सकों का भी कहना है कि मटके का पानी स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है। इसका पानी लू से बचाता है। मटके में पानी रखा जाए तो उसमें प्राकृतिक रूप से मैग्नीशियम और पोटेशियम जैसे खनिज मौजूद होते हैं। यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करते हुए लू से भी बचाता है।
गर्मी बढ़ते ही मटके की डिमांड बढ़ गई है। लोग मटकों को खरीद रहे हैं। प्रदेश के कई शहरों में जगह-जगह मटके बेचे जा रहे हैं, पर पिछली बार के मुकाबले इस बार भाव में तेजी आई है। यहां छोटे मटके ८० रुपए व बड़े मटके १५० से २०० रुपए तक बिक रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि जैसे-जैसे गर्मी की तपिश बढ़ने लगी है, वैसे-वैसे महाराष्ट्र के ग्रामीण और शहरी अंचलों में स्थित बाजार और सड़कों पर मिट्टी के मटके सजने लगे हैं। मटकों की कीमत उनके आकार के आधार पर भिन्न होती है। पिछले दो-तीन दिनों में पारा काफी ऊपर चला गया है इसलिए ठंडे पानी की जरूरत लोगों को महसूस हो रही है। खासकर, उस समय जब दोपहर में धूप की तीव्रता महसूस होती है। नतीजतन मिट्टी के बर्तनों की मांग भी बढ़ रही है।
इन बीमारियों की
नहीं होती शिकायत
घड़े का पानी पीने से खांसी और जुकाम की भी शिकायत नहीं होती। मटके में रखा पानी काफी फायदेमंद रहता है। इसमें रखे पानी का तापमान शरीर के तापमान के अनुकूल रहता है, जिसके सेवन से तापमान में बदलाव से संबंधित रोग जैसे गला खराब होना, एक्यूट वायरल, इलनेस, सिरदर्द, जैसे लक्षण नहीं होते हैं।

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