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नींद की कमी से होते हैं सड़क हादसे … टैक्सी ड्राइवर हो रहे हैं स्लिप एप्निया सिंड्रोम के शिकार!

विशेषज्ञों की सलाह, भरपूर नींद लेना है जरूरी
सामना संवाददाता / मुंबई
अच्छी नींद न केवल तन और मन को तंदुरुस्त रखता है, बल्कि कई तरह के रोगों से भी बचाव करती है। इतना ही नहीं नींद पूरी लेने से काम में भी लोगों का मन रमा रहता है। साथ ही सड़क दुर्घटना की आशंका भी काफी कम हो जाती है। प्रख्यात न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. प्रशांत मखीजा बेहतर अंदाज में नींद की कमी के दूरगामी परिणामों के खतरे से आगाह किया।
मुंबई सेंट्रल स्थित वॉकहार्ट अस्पताल की तरफ से आयोजित एक कार्यक्रम में नींद की कमी और उसके दूरगामी परिणामों के खतरों के प्रति जन जागरूकता पैदा करने का काम किया गया। नींद की गुणवत्ता पर पारंपरिक तरीके से बात करने के बजाय डॉ. मखीजा ने असल जीवन की उन घटनाओं के साथ अपनी बात शुरू की, जब नींद की कमी की वजह से बेहद गंभीर दुर्घटनाएं हुर्इं। देश में टैक्सी ड्राइवर सामान्य या गंभीर रूप से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एप्निया सिंड्रोम या नींद की कमी से जूझ रहे हैं। इस ट्रेंड से यह साफ होता है कि इससे जुड़े कई पहलुओं पर रिसर्च की जरूरत है, ताकि हिंदुस्थान में व्यावसायिक रूप से ड्राइविंग करने वाले लोगों के लिए पॉलिसी बनाने और उनकी मेडिकल जांच के लिए सिस्टम बनाया जा सके। ड्राइवरों में नींद की कमी की वजह से होनेवाले खतरों और आशंकाओं को देखते हुए उनका स्वास्थ्य बेहतर होना बहुत ही ज्यादा जरूरी हो जाता है।

शरीर के लिए फायदेमंद है नींद
डॉ. मखीजा ने कहा कि अच्छी नींद से हमारे शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है। यह शरीर को दुरुस्त करती है। ऊर्जा को रीचार्ज करती है। यह हमारी याददाश्त और इम्यून सिस्टम के लिए भी बहुत जरूरी होती है। यदि नींद की कमी है तो व्यक्ति चौकन्ना नहीं रह पाता है और यह बहुत खतरनाक स्थिति होती है। ऐसे में सभी इंडस्ट्री के लिए अच्छी नींद के लिए गाइडलाइन तय करने की जरूरत को बताती है।
काम और स्वास्थ्य के बीच हो तालमेल
डॉ. मखीजा ने कहा कि हम काम और स्वास्थ्य के बीच एक तालमेल बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में जरूरी है कि कॉर्पोरेट और सरकारी दफ्तर कार्यस्थल और सुरक्षा के मद्देनजर अच्छी नींद के असर को समझें। नींद की कमी से जूझ रहे कर्मचारियों की पहचान करने की व्यवस्था बनाए जाने चाहिए। साथ ही गंभीर दुर्घटनाओं को होने से रोकने के लिए नीतियां तैयार करने की जरूरत है।

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