बुलाकी शर्मा राजस्थान
अजब जमानो है। घरआळी माथै जोर नीं चालै जणै कुम्भार बापड़ी गधड़ी रै डांग रो फटीक मारै अर नींद रै खिलाफ कार्रवाई कर नीं सवैâ जणै पुलिस रा आला अफसर सिपायां रै खिलाफ कार्रवाई कर’र आपरी खीज मिटावै।
आपां जाणां कै नींद आयां सरै। राजा रावण री लंका लूटीज रैई ही जणै बीं रो भाई कुंभकरण मस्ती सूं खर्राटा लेय रैयो हो। भोत मुस्कल सूं बीं नै जगावणो पड़ियो। कैवै कै सूळी माथै टंग्योड़ै नै ई नींद रो गुटको वैâ झपकी आ जाया करै।
किस्सो ओ है कै अेक सजायाफ्ता चोर री दूजै स्हैर रै अेक कोर्ट में तारीख पेशी ही। तीन-चार सिपाही पूरी मुस्तैदी सूं बीं नै रेल सूं कोर्ट लेयग्या। जज साब साम्हीं पेश करियो अर पाछा रेल में बैठग्या। चोर रै हथकड़ी लगायोड़ी अर बे सगळा बीं री रूखाळी नै लेय’र पूरा अलर्ट।
रात री टैम ही जणै आस-पड़ोस में बैठ्या कै सूत्या जातरां रा खर्राटा सुणीजण लाग्या जणै पैला बां माथै उबासियां अटैक करियो। फेर निंदिया राणी सा आय ढूक्या अर सगळा सिपायां माथै लाड सूं इसो हाथ फैरियो कै बे झपकी लेवण लाग्या। नींद रा दो-तीन गुटका ई नीं लिया हुवैला कै अचाणचक आंख्या इसी खुली कै खुली ई रैयगी। राजा विक्रमादित्य रै सनी री साढै साती लागी जणै खूंटी माथै टंग्योड़ो हीरा-जवाहरात जड़ियोड़ो हार गायब हुयग्यो हो, बिंयां ई चोर महाराज गायब! बां घणां ई हांफळा मारिया। सगळा डिब्बा खंगाळ्या। जातरियां नै पूछ्यो पण चोर सा छांई-मांई।
पुलिस महकमै में पेश रिपोर्ट में बां अरज करी कै थकावट री वजह सूं झपकी आयगी अर चोर रफूचक्कर हुयग्यो।
बियां झपकी कै नींद रा गुटका आवणा तो पुलिस महकमै री तासीर में है। कठैई मारा-कूटी हुवै, खून-खराबो हुवै कै चोरी- चकारी हुवै जणै बे झपकी में ई रैया करै। वारदात करणिया कोसां दूर निकळ जावै जणै झपकी सूं फ्री हुयनै तुरताफुरत पूगनै डंडो फटकारै। जेळ में बंद कैदियां कनै मोबाइल, चक्कू-पिस्टल, नशे-पतै रो जरूरी समान पूगतो रैवै, पण बे नींद रा गुटका लेंवता रैवै। कैदी जद जेल में बिराजता थकां ई आपरै गुर्गां रै मारफत जेल सूं बारै कोई तगड़ो चोळको कराय देवै जणै बै नींद सूं जागै अर आपरी ड्यूटी निभावता जचै जिकै रै पिछवाड़ै लाठी सूं भांत-भांतीली मॉडर्न आर्ट बणावण में जेज कोनी करै।
सजा गुनैहगार नै मिलणी चाइजै। गुनैहगार नींद है, ल्याई सिपाही तो नींद री फेंट में माडाणी आयोड़ा है।