– `दोपहर के सामना’ में 7 दिसंबर को छापी थी खबर
अशोक तिवारी / मुंबई
मुंबई के मनपा आयुक्त इकबाल सिंह चहल के सख्त प्रयासों के बावजूद भी मनपा में भ्रष्टाचार का बोलबाला जरा भी कम नहीं हो रहा है। कुर्ला में एल वार्ड के अंतर्गत घन कचरा विभाग के सहायक अभियंता रोहन कलमे पर स्थानीय समाजसेवक विनोद सोनकांबले ने ठेकेदारों से वसूली करने, मनपा की गाड़ियों में शहर की प्राइवेट सोसाइटियों से कचरा उठाने और न्यूसेंस डिटेक्टर नियुक्त करने के नाम पर लाखों रुपए वसूली करने का आरोप लगाया था। इसके संदर्भ में `दोपहर के सामना’ ने भ्रष्टाचार के आरोपों की खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी।
इसके कुछ दिन बाद ही रोहन कलमे के अधीनस्थ कर्मचारी शिरीष दगड़खैर और मुकादम नितिन साबले को 10,000 रुपए रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों धर दबोचा। सूत्रों ने दावा किया था कि वसूली का यह पूरा खेल रोहन कलमे के निर्देश पर किया जा रहा था। मिली जानकारी के अनुसार, कुर्ला-पश्चिम के इलाके में सुहासिनी महिला बचत गट नामक संस्था की तरफ से स्वच्छ मुंबई प्रबोधन आशियाना के मार्फत साफ-सफाई का काम किया जाता है। इस संस्था में गरीब एवं मजबूर किस्म के लोग काम करते हैं, जो कि क्षेत्र में कचरा उठाने और साफ सफाई कर इलाके को स्वच्छ रखते हैं। इस महिला बचत गट के ठेकेदार से एल वार्ड के घन कचरा विभाग के आवेक्षक शिरीष दगड़खैर और मुकदम नितिन साबले बिल पास करने के नाम पर 10,000 रुपए रिश्वत की मांग कर रहे थे। ठेकेदार विनोद सोनकंबले ने इस संदर्भ में एसीबी को सूचना दी। एसीबी अधिकारियों ने एल वार्ड में ट्रैप लगाकर दोनों अधिकारियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया था। सफाई विभाग के अधिकारियों द्वारा ठेकेदार से वसूली करने का यह मामला कुर्ला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ था।
इस संदर्भ में मुंबई मनपा से वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा एक जांच टीम बनाई गई थी। इसके बाद भ्रष्टाचार के आरोपो को सही पातें हुए वसूलीबाज सहायक अभियंता रोहन कलमे को 1 फरवरी से तत्काल प्रभाव से एल वार्ड से हटाकर जी दक्षिण वार्ड में भेज दिया गया है।
रोहन कलमे पर दर्ज होनी चाहिए एफआईआर
मुंबई मनपा के हर वार्ड में एक न्यूसेंस डिटेक्टर की पोस्ट होती है। इस पोस्ट पर वरिष्ठ अधिकारी की नियुक्ति की जाती है, जिसके मातहत अन्य सहकर्मी होते हैं जो क्षेत्र में अवैध रूप से सड़कों पर कचरा फेंकने वालों को चिन्हित करते हैं और उनसे आर्थिक दंड की वसूली की जाती है। संयोग से कुर्ला के वार्ड में यह पोस्ट कई वर्षों से खाली थी। रोहन कलमे ने इसी का फायदा उठाया। उसने कई मजदूरों को न्यूसेंस डिटेक्टर के पोस्ट पर तैनात कर दिया और उनसे प्रति महीने लाखों रुपए की वसूली करता था, जिसके एवज में न्यूसेंस डिटेक्टर बने मजदूर कचरा फेंकने वालों से वसूली करते थे। मैंने इसकी शिकायत मनपा के वरिष्ठ अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री को की थी। कलमे के निर्देश पर ही कचरा विभाग में काम करने वाले ठेकेदारों का बिल पास करने के नाम पर परसेंटेज के तौर पर कमीशन वसूला जाता था। मेरी शिकायत पर एसीबी दो अधिकारियों को दबोचा था लेकिन मास्टरमाइंड कलमें एसीबी की गिरफ्त से बच गया। रोहन कलमे का मात्र तबादला होने से भ्रष्टाचार पर अंकुश नहीं लगेगा, बल्कि जांच कर उसके ऊपर एफआईआर दर्ज कराई जानी चाहिए।