संजय राऊत -कार्यकारी संपादक
महाभारत में जब द्रौपदी का चीरहरण हो रहा था तब दरबार में हर ५६ इंच की छातीवाले गर्दन झुकाए बैठे थे। आज भारत की बहू-बेटियों, महिलाओं के साथ भी यही हो रहा है। बदलापुर में नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म का मामला विचलित करने वाला है। इस मामले में भाजपा की महिला मंडल भी शांत ही है। गृहमंत्री फडणवीस सफाई दे रहे हैं। क्यों? किसके लिए?
महिलाओं पर होनेवाले अत्याचार पर जितनी राजनीति हमारे भारत देश में होती है, उतनी दुनिया में कहीं भी नहीं होती होगी। नारी शक्ति की पूजा करना हमारी हिंदू संस्कृति है। तैंतीस कोटि देव मंडल में कई ‘देवता’ हैं और उनके हाथों में हथियार भी हैं। फिर भी देश की महिलाएं हर मामले में असुरक्षित हैं। कोलकाता के एक सरकारी मेडिकल कॉलेज में एक महिला डॉक्टर के साथ बलात्कार किया गया और बाद में उसकी हत्या कर दी गई। इसका असर पूरे देश में हुआ। इस घटना को निमित्त बनाकर प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को घेरने की कोशिश स्पष्ट नजर आ रही है। पीड़िता के लिए न सिर्फ बंगाल में, बल्कि पूरे देश के डॉक्टर आंदोलन कर रहे हैं। डॉक्टर महिला के लिए वकील, शिक्षक वर्ग भी सड़कों पर उतर आए। सुप्रीम कोर्ट ने भी घटना पर ‘स्युमोटो’ संज्ञान लिया और मामले की तत्काल सुनवाई का आदेश दिया। इस देश का समाज इतना जागरूक है, यह देखकर मन गदगद हो जाता है। इस देश की न्याय व्यवस्था इतनी तेज है, जिसे देखकर ऐसा लगता है कि हमें न्याय के देवता को प्रणाम करना चाहिए, लेकिन क्या यह सच है? कोलकाता की घटना के खिलाफ वकील, शिक्षक सड़कों पर उतर आए। समाज की इस जागरूकता को देखकर आनंद होता है, लेकिन क्या ये सारी मंडली और संस्थाएं, प्रदेश, सरकारें राजनीतिक सुविधा देखकर जागरूक होती हैं?
जहां भाजपा वहां बलात्कार
जहां-जहां ‘भाजपा’ की सरकारें हैं, वहां-वहां हर जगह महिलाओं पर अत्याचार, बलात्कार के मामले घृणित तरीके से सामने आए और उस पर भाजपा और उसके महिला मोर्चा ने कभी भी अपना मुंह नहीं खोला। कोलकाता के बलात्कार मामले की प्रतिक्रिया देश में उमड़े इसके पीछे भाजपा की मशीनरी योजनाबद्ध तरीके से काम करती है, लेकिन महाराष्ट्र के बदलापुर, उरण, उत्तर प्रदेश के हाथरस, उन्नाव जैसे मामलों पर भाजपा और उसका नेतृत्व चुप्पी साध लेता है। महिला उत्पीड़न के मामले में वर्तमान शासकों का दोहरा मापदंड है। भाजपा ऐसे कई आरोपियों पर खास मेहरबान है, जो बलात्कार और विनयभंग के आरोप में गिरफ्तार हो चुके हैं और उस अपराध में सजा भी काट चुके हैं। पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक समेत कई महिला पहलवानों ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर आवाज उठाने की कोशिश की। दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन किया, लेकिन मोदी और उनकी सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की। मानो बलात्कार को मोदी सरकार ने शाही मान्यता ही दी हो। दुनिया के सबसे बड़े बलात्कारी प्रज्वल रेवन्ना के लोकसभा प्रचार के लिए प्रधानमंत्री मोदी कर्नाटक गए और अपने लाडले को शाबाशी दी। गुरमीत राम रहीम ये बाबा भाजपा के खास प्रिय हैं। रेप और हत्या के आरोप में ये बाबा जेल में हैं और कोर्ट ने इस मामले में उन्हें उम्रवैâद की सजा सुनाई है। पिछले डेढ़ साल में ये बाबा कम से कम १७ बार पैरोल पर बाहर आए। उनके जन्मदिन के साथ-साथ लोकसभा, पंजाब, हरियाणा चुनावों के दौरान सरकार इन बाबा पर मेहरबानी करती है और वे बड़ी छुट्टी पर बाहर आते हैं। अगर कांग्रेस के राज्य में ऐसा होता तो स्मृति ईरानी छाप नेता ने सड़कों पर उतरकर हंगामा कर दिया होता। फिलहाल, आसाराम बापू भी पैरोल पर ही हैं। वाराणसी एयरपोर्ट पर प्रधानमंत्री का स्वागत भाजपा के जो पदाधिकारी करते हैं, वो आगे चलकर रेप के आरोपी बनते हैं। भाजपा के विकृत चरित्र की ऐसी कितनी कहानियां बताई जाएं? फिर भी भाजपा के महिला मंडल विरोधियों के घर की बहू-बेटियों पर नजर रखते हैं। इन बहू-बेटियों पर अत्याचार होने का हल्ला मचाकर सोशल मीडिया पर बदनामी मुहिम छेड़ते हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस की नेता विद्या चव्हाण की बहू का मामला भी भाजपा की महिला मंडल ने इसी तरह संभाला, लेकिन खुद भाजपा के दीये तले पसरे हुए अंधेरे का क्या?
यह क्या है?
बदलापुर की दो छोटी बच्चियों पर स्कूल में ही अत्याचार हुआ। स्कूल का पालकत्व भाजपा से जुड़े व्यक्ति के पास है। इसका मतलब उस व्यक्ति के आदेश पर अत्याचार हुआ, ऐसा नहीं है। लेकिन अगर यह संस्था कांग्रेस, शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस से संबंधित होती तो तत्काल देवेंद्र फडणवीस और उनकी महिला मंडल बदलापुर जाकर स्कूल की सीढ़ियों पर बैठ जाते, लेकिन आज वे बलात्कार पर अलग ही प्रवचन झाड़ रहे हैं। बदलापुर में आक्रोश शुरू रहने के दौरान ही भाजपा के योगीराज वाले उत्तर प्रदेश में दो युवतियों के साथ बलात्कार की घटनाएं हुर्इं। मुरादाबाद के ठाकुरद्वारा इलाके के एक अस्पताल में डॉक्टर ने एक नर्स को ‘बंधक’ बनाकर उसके साथ बलात्कार किया। यह मामला कोलकाता बलात्कार मामले जितना ही गंभीर है। उसी समय प्रयागराज में भी ऐसा ही बलात्कार कांड हुआ। पटना में बदमाशों ने एक लड़की को उसके घर से अगवा कर लिया। बलात्कार करके उसकी हत्या कर दी गई। ये घटनाएं पूरे देश में हो रही हैं। बलात्कार, छेड़छाड़, महिलाओं पर अत्याचार एक विकृति है और इसका किसी भी धर्म से कोई संबंध नहीं है। यदि बलात्कार करनेवाला मुसलमान हुआ तो हिंदू समुदाय को भड़काकर सड़कों पर उतार दिया जाता है। ‘लव जिहाद’ के नाम पर चीख-पुकार मचाई जाती है। उरण की यशश्री शिंदे का उत्पीड़न करनेवाला मुसलमान था। भाजपा और हिंदूवादी संगठनों ने इसके खिलाफ मार्च निकाला, लेकिन बदलापुर मामले का नराधम हिंदू है और जहां अत्याचार हुआ वो शिक्षण संस्थान हिंदुत्ववादियों का है। पुलिस इस मामले में केस दर्ज करने को तैयार नहीं थी। क्योंकि संस्था भाजपावालों की थी। गृहमंत्री फडणवीस भाजपा के ही हैं। ऐसे मामलों में फडणवीस अक्सर कहते रहे हैं, ‘‘मेरी भी एक बेटी है।” लेकिन गृहमंत्री महोदय, आपकी बेटी सुरक्षित है। गरीब, मध्यम वर्ग की बेटियां हवा में हैं। जब उन पर अत्याचार होता है तो आपकी पुलिस उनकी रक्षा नहीं करती। क्योंकि अत्याचार करनेवाले तुम्हारे समर्थक हैं।
बड़ी शृंखला
देश में महिलाओं पर अत्याचार की शृंखला बहुत लंबी है। खैरलांजी, दिल्ली की निर्भया, मुंबई की शक्ति मिल, कठुआ, उन्नाव, कोपर्डी, हैदराबाद, हाथरस, बलरामपुर, उरण, उत्तराखंड, केरल, मध्य प्रदेश यानी पूरे भारत में बलात्कार की विकृति का बोलबाला है। पर्यटन के लिए भारत आने वाली विदेशी महिलाओं से छेड़छाड़ के मामले भी बढ़े हैं। मणिपुर जैसे भारतीय राज्य में जब महिलाओं को सड़कों पर लाकर उनके साथ बलात्कार किया गया, तब भी देश के शासक नपुंसक की तरह चुप रहे। जब द्रौपदी को निर्वस्त्र किया जा रहा था, तो दरबार में सभी छप्पन इंच की छाती वाले पुरुष अपनी गर्दन झुकाकर बैठे थे। उसी हिंदुत्ववादी अंदाज में देश की सत्ताधारी पार्टी चुप बैठी है। विकृति का उद्गम शासकों से होता है। फिर वो नीचे प्रजा में उतर जाता है। धारा ३७० को हटाना, सेक्युलर समान नागरिक कानून लाना, कानून की धाराओं को बदलना या ब्रिटिशकालीन कानूनों का नामांतरण करना जैसे विभाजनकारी कार्यों में भाजपा की बहुत रुचि है। हिंदुस्थान में महिलाओं के खिलाफ हिंसा बढ़ती जा रही है। कानून व्यवस्था चौपट है और देश के गृहमंत्री श्री. शाह बांग्लादेश में हिंदुओं की संख्या कैसे कम हो गई, इस पर भाषण देकर देश से छल कर रहे हैं। ऐसा शासक मिलने के बाद देश में महिलाओं की सुरक्षा बदलापुर, हाथरस, उन्नाव की तरह चौराहे पर ही आएगी!
बदलापुर में जनता सड़कों पर उतर आई। लोगों का आक्रोश गृहमंत्री तक पहुंच ही गया होगा!