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अंडा बैन पर बवाल जारी! …सरकार के मिड डे मील फैसले पर उठ रहे सवाल …बच्चों का हक या भाजपा की विचारधारा?

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार द्वारा मिड डे मील योजना से अंडा पुलाव, मीठी खिचड़ी और रागी आधारित भोजन को बाहर करने के पैâसले ने विवाद खड़ा कर दिया है। आलोचकों का कहना है कि भाजपाशासित सरकार बच्चों के पोषण की राजनीति और विचारधारा को प्राथमिकता दे रही है। शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) नेता अखिल चित्रे ने आरोप लगाया है कि यह कदम बच्चों के स्वास्थ्य के लिए नुकसानदायक है। यह पैâसला भाजपाशासित राज्यों जैसे मध्य प्रदेश और गोवा में लिए गए समान पैâसलों से जुड़ा है, जबकि कर्नाटका और केरल जैसे गैर भाजपा राज्यों में अंडा और दूध बच्चों को पोषण के लिए दिया जाता है। आलोचकों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार बच्चों के पोषण को नजरअंदाज कर धार्मिक और राजनीति विचारधाओं को बढ़ावा दे रही है। विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार स्कूल मील कॉन्ट्रेक्ट उन संगठनों को दे रही है, जो भाजपा की विचारधारा के पक्षधर हैं और जो सख्त शाकाहारी भोजन का प्रचार करते हैं। साथ ही यह भी सवाल उठाया जा रहा है कि राज्य के पास बच्चों के पोषण के लिए ५० करोड़ रुपए नहीं है, लेकिन राजनीतिक चालों के लिए पैसा मौजूद है। पोषण विशेषज्ञों का कहना है कि अंडा एक सस्ता और प्रभावी प्रोटीन स्रोत है, जिसे बच्चों को दिया जाना चाहिए। सरकार का यह कदम बच्चों के लिए प्रोटीन की कमी को बढ़ावा दे सकता है। खासकर, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के लिए।

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