निशाने पर सीएम नीतीश राज्य में जारी है आंदोलन
बीपीएससी की परीक्षा फिर से करवाने पर अड़े हैं छात्र
सामना संवाददाता / पटना
बिहार लोक सेवा आयोग परीक्षा को लेकर बिहार में बवाल बढ़ता जा रहा है। हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच पीके के नाम से मशहूर जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने कल गुरुवार को आमरण अनशन शुरू कर दिया है। यह पैâसला राज्य सरकार द्वारा हाल ही में संपन्न बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा को रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों की मांगों को पूरा करने में विफल रहने के जवाब में लिया गया है।
छात्रों के विरोध प्रदर्शन में शामिल होने पर पीके ने कहा कि यह अहंकारी सरकार के खिलाफ है, जिसके नेता सीएम नीतीश कुमार ने छात्रों से मिलना भी उचित नहीं समझा, जबकि छात्रों ने आंदोलन वापस लेने पर सहमति जताई है, अगर सीएम कहते हैं कि परीक्षाएं आयोजित नहीं की जा सकतीं तो छात्रों को अधिकारियों ने क्यों पीटा? हमारे जैसे लोगों के लिए केवल एक ही रास्ता है, इसलिए मैं अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल कर रहा हूं। किशोर ने यह घोषणा ऐतिहासिक गांधी मैदान में की, जो उस स्थान से कुछ किलोमीटर दूर है जहां कई नाराज अभ्यर्थी लगभग दो सप्ताह से चौबीसों घंटे विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। पीके ने संवाददाताओं से कहा कि मेरी मांगों में परीक्षा रद्द करना और नए सिरे से परीक्षा आयोजित करना शामिल है। मैं उन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई की मांग करता हूं, जिन्होंने कथित तौर पर परीक्षाओं के जरिए भरे जाने वाले पदों को बेच दिया है।
बता दें कि गत ३० दिसंबर को पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हुआ, जिसमें १३ दिसंबर को आयोजित प्रारंभिक परीक्षा को फिर से कराने की मांग कर रहे छात्रों को निशाना बनाया गया। कई उम्मीदवारों ने परीक्षा प्रक्रिया में अनियमितताओं का आरोप लगाया है , जिसमें पटना केंद्र पर प्रश्नपत्र वितरित करने में देरी भी शामिल है, जिसके कारण उस स्थान पर परीक्षा रद्द कर दी गई।
सरकार को अल्टीमेटम
छात्रों के समर्थन में मुखर रहे पीके ने ३० दिसंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रशासन को मौजूदा संकट को हल करने के लिए ४८ घंटे का अल्टीमेटम जारी किया था। पीके ने एक प्रेस कॉन्प्रâेंस के दौरान कहा था, ‘हमारे युवा छात्रों का भविष्य सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। हम राजनीति का खेल बाद में खेल सकते हैं।’