रामदिनेश यादव / मुंबई
महानगर में वायु प्रदूषण का प्रमाण लगातार बढ़ रहा है। मनपा ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियमावली जारी किया है, लेकिन मनपा के इस नियमावली की धज्जियां उड़ती नजर आ रही हैं, जिससे स्थानीय लोगों को समस्या हो रही है। बताया जाता है कि जहां-जहां ऊंंची इमारतों के पक्के निर्माणकार्य हो रहे हैं वहां-वहां कार्य के दौरान बड़ी संख्या में धूल उड़ती है। ताजा मामला विलेपार्ले इलाके का है, जहां विलेपार्ले-पूर्व के लोगों ने खुलेआम प्रदूषण को बढ़ावा देने की शिकायत मनपा से की है।
दरअसल, मनपा के के/पूर्व वॉर्ड के अंतर्गत आने वाले विलेपार्ले-पूर्व में लगभग सभी सड़कों पर पुरानी बिल्डिंगोें का पुनर्विकास जोरों से शुरू है, जिसके कंस्ट्रक्शन कार्य के दौरान कई अनियमितताएं हो रही हैं। जैसे कंक्रीट मिक्सर, कंप्रेसर, बड़े मालवाहक ट्रक सड़क पर ही खड़े रहते हैं। कई तो सड़क से सटकर खुले में कंक्रीट के मसाले गिराते हैं। सड़क पर सीमेंट और कंक्रीट के धूल-कण भारी मात्रा में गिरते रहते हैं। कुछ इमारतों के पुनर्निर्माण कार्य के दौरान जाली भी नहीं लगाई गई है। कुछ के निर्माण कार्य से बड़ी मात्रा में ध्वनि और वायु प्रदूषण पैâल रहा है, इससे सड़क पर आने-जाने वाले राहगीरों व छात्रों को भी दिक्कत का सामना करना पड़ता है।
क्या है नियम?
मनपा के नियमानुसार, ये सारे काम बाउंड्री के अंदर होने चाहिए, जिससे किसी को तकलीफ न हो। लेकिन लगभग हर साइट पर मनपा व पर्यावरण के नियमों की अनदेखी करते हुए मनमुताबिक तरीके से काम जारी है, जिसकी सुधि लेनेवाला कोई नहीं है। मनपा के वॉर्ड के अतिक्रमण व बिल्डिंग विभाग के अधिकारियों का इतने बड़े मामले में ध्यान न देना समझ से परे है। उनसे जब बात की गई तो उन्होंने कहा कि चुनाव है, ज्यादातर कर्मचारी चुनावी ड्यूटी पर हैं।
स्थानीय समाजिक कार्यकर्ता संतोष यादव ने बताया कि विलेपार्ले-पूर्व के कुछ पुनर्विकास प्रोजेक्ट नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं, जिससे प्रदूषण बढ़ रहा है। मनपा का के/पूर्व वॉर्ड इन लोगों पर कार्रवाई करे, ऐसी हमारी मांग है।