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मुंबई में कचरा प्रबंधन परियोजना एस.ओ.आर.टी. के दूसरे चरण का समापन समारोह संपन्न

इंडियन पॉल्यूशन कंट्रोल एसोसिएशन (आईपीसीए) और मदरसन ग्रुप ने प्रोजेक्ट एस.ओ.आर.टी. मुंबई के दूसरे चरण के समापन की घोषणा की, जिसके अंतर्गत विगत दो वर्षों में मुंबई के 38 सोसाइटी व 5 शैक्षणिक संस्थान से उत्त्पन्न होने वाले कचरे को स्रोत-पृथक्करण द्वारा जैविक कचरे से खाद बनाने एवं लैंडफिल (कचरा भराव क्षेत्र) से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान को कम करने की दिशा में क्रियान्वयन किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सुभाष दलावी बीएमसी विशेष कार्य अधिकारी उपस्थित रहे और साथ ही आईपीसीए की उप निदेशक, डॉ. राधा गोयल; आईपीसीए के सचिव एवम अजय गर्ग ने समारोह की गरिमा बढ़ाई| इस समारोह के दौरान, आईपीसीए और मदरसन ग्रुप ने परियोजना में अटूट योगदान के लिए सोसायटीज और शैक्षणिक संस्थानों को सम्मानित किया।

उल्लेखनीय है यह परियोजना मदरसन ग्रुप की प्रमुख सीएसआर परियोजना है, जिसे वर्ष 2017 से आईपीसीए द्वारा दिल्ली एनसीआर, मुंबई, पुणे एवम बेंगलुरु में लागू किया गया। मुंबई में इस पहल को बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के सहयोग से 43 सर्वे किए गए सोसाइटी एवं शैक्षणिक संस्थानों के परिसर में ही कचरा उपचार के लिए सफलतापूर्वक निष्पादित किया गया। विगत दो वर्षों में एक ओर जहां इन सोसाइटी से दो लाख किलोग्राम कचरे को न केवल लैंडफिल में जाने से रोका है बल्कि अपने विशेष तकनीकी ‘एरोबिन’ के माध्यम से जैविक कचरे को खाद में परिवर्तित किया है जो मात्र 40 दिनों के अंतराल में जैविक कचरे को खाद में बदल देता है।

इस समारोह को सम्बोधित करते हुए आईपीसीए की उप निदेशक, डॉ. राधा गोयल ने कहा, “प्रोजेक्ट एस.ओ.आर.टी. कचरा प्रबंधन के क्षेत्र में एक मील का पत्थर है। कचरे को स्रोत पर ही प्रभावी ढंग से अलग-अलग करके और उपचारित करके, हम न केवल लैंडफिल पर भार को कम कर रहे हैं बल्कि मूल्यवान खाद भी बना रहे हैं जो हमारी मिट्टी को उपजाऊ करने में उपयोगी है। इस परियोजना की सफलता ने एक मजबूत आधार स्थापित किया, साथ ही हमने अपनी पहुंच और प्रभाव को और भी प्रगाढ़ किया है।”

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