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सीएम के शहर में महिलाओं की सुरक्षा भगवान भरोसे!..सालभर में करीब ५९९ लड़कियां और महिलाएं लापता

सामना संवाददाता / मुंबई

बदलापुर और कल्याण में हुई अत्याचार की घटनाओं से महिला सुरक्षा का गंभीर मुद्दा सामने आया था। इसके बाद हाई कोर्ट ने सरकार को इस संबंध में सख्त कदम उठाने का निर्देश दिया था। हालांकि, हकीकत में महाराष्ट्र की उप राजधानी और गृहमंत्री के शहर नागपुर में महिलाओं की सुरक्षा रामभरोसे चल रही है। जानकारी सामने आई है कि शहर में प्रेम-प्रसंगों और अनैतिक संबंधों की घटनाओं में वृद्धि हुई है। पता चला है कि सालभर में ५९९ लड़कियां और महिलाएं लापता हुई हैं।
उल्लेखनीय है कि पिछले दो वर्षों में राज्य भर में नाबालिग लड़कियों और विवाहित महिलाओं के घर छोड़ने के मामलों में वृद्धि हुई है। आलम यह था कि पुलिस थाने में हर दिन तीन से चार लड़कियों-महिलाओं के लापता होने की रिपोर्ट दर्ज होती थी। पिछले वर्ष नागपुर शहर से लड़कियों और महिलाओं के लापता होने के ५९९ मामले सामने आए थे, जिसमें से ५१५ को पुलिस ने ढूंढकर उनके परिवारों को सौंप दिया। हालांकि, ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए पुलिस व्यवस्था अपर्याप्त है। महिला संगठन चिंता व्यक्त कर रहे हैं, क्योंकि ये आंकड़े गृहमंत्री के शहर में महिलाओं की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े करते हैं।
मिसिंग स्क्वॉड में है अपर्याप्त मानव संसाधन
लापता लड़कियों और महिलाओं की तलाश के लिए प्रत्येक पुलिस थाने में तीन पुलिसकर्मियों की एक टीम कार्यरत है, जिसे ‘मिसिंग स्क्वॉड’ कहा जाता है इसलिए जब भी किसी महिला या लड़की के लापता होने की सूचना मिलती थी तो टीम सक्रिय हो जाती थी। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि यह स्क्वॉड पूरे प्रदेश या अन्य प्रांतों से लापता लड़कियों और महिलाओं की तलाश के लिए अभियान चलाता है, लेकिन लापता लड़कियों और महिलाओं की बढ़ती संख्या के कारण ‘मिसिंग स्क्वॉड’ की मैनपॉवर अपर्याप्त होती जा रही है।
अनैतिक गतिविधियों में लड़कियों को धकेलने की कोशिश
लापता लड़कियों की तलाश के दौरान एक चौंकाने वाला सच सामने आया है। नागपुर शहर से एक साल में ३७२ लड़कियां लापता हुर्इं। इसमें यह भी खुलासा हुआ है कि कुछ लड़कियों को अनैतिक गतिविधियों में धकेला जा रहा था। अपराध शाखा की अनैतिक मानव तस्करी रोकथाम टीम ने ४२ मामलों में ४४ बच्चों की तलाश की। इसमें १३ लड़के और ३१ लड़कियां शामिल थीं।

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