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किसानों के नुकसान भरपाई के नाम पर घोटाला! …मात्र एक जिले में ५० करोड़ से अधिक की हुई लूट …पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक लोणीकर का आरोप

सामना संवाददाता / मुंबई
राज्य की महायुति सरकार में घोटाले जमकर हो रहे हैं। आए दिन नए घोटाले को लेकर आरोप लग रहे हैं। विपक्ष तो छोड़िए सत्ता पक्ष के विधायक और पूर्व मंत्री भी इस सरकार में हुए घोटाले को लेकर खुलासे कर रहे हैं। जालना में ऐसा ही एक मामला आया है, जहां पूर्व मंत्री बबनराव लोणीकर ने फसलों की नुकसान भरपाई के लिए दिए जाने वाले अनुदान में बड़े पैमाने पर घोटाला होने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बेमौसम बरसात के कारण फसलों को हुई क्षति को लेकर शासन की ओर से दिए जाने वाले अनुदान में जालना जिले में ५० करोड़ रुपए के घोटाले हुए हैं। इसके अलावा अन्य जगहों पर यह आंकड़ा कई गुना हो सकता है। विधायक बबनराव लोणीकर ने संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों को निलंबित करने की मांग की है।
लोणीकर ने बताया कि दो साल पहले जिले में अतिवृष्टि और ओलावृष्टि के समय कुछ फर्जी किसानों के नाम अनुदान की सूची में शामिल किए गए। ये नाम बुलढाणा, बीड और अहिल्यानगर जिलों के लोगों के थे। इस कारण इसमें बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। विधायक लोणीकर ने कहा कि जालना जिले के अंबड, घनसावंगी, भोकरदन और अन्य जिलों के व्यक्तियों के नाम जोड़ते समय संबंधित तहसीलदारों के पासवर्ड का इस्तेमाल किया गया। इस मामले में इन चार तहसीलों के तहसीलदारों, दो उपविभागीय अधिकारियों, कृषि सहायकों, ग्रामसेवकों और तलाठियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। जांच पूरी होने तक सभी को निलंबित किया जाना चाहिए। इस संबंध में मुख्यमंत्री और कृषि मंत्री से शिकायत की जाएगी।
इस विषय में निवासी उपजिलाधिकारी गणेश महाडिक ने मीडिया प्रतिनिधियों से कहा कि अंबड और घनसावंगी तालुकों में अनुदान वितरण को लेकर कुछ शिकायतें मिली थीं। प्रारंभिक जांच में कुछ तथ्य सामने आए हैं इसलिए जिलाधिकारी ने इस मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति नियुक्त की है। इसमें सहायक जिलाधिकारी पुलकित सिंह, उपजिलाधिकारी मनीषा दांडगे और नायब तहसीलदार लुणावत शामिल हैं। यह समिति संबंधित सभी दस्तावेजों की जांच कर रही है। संबंधित कृषि सहायक, ग्रामसेवक और तलाठी की संयुक्त निरीक्षण रिपोर्ट के आधार पर जब नुकसान की सूचियां अपलोड की गईं, तब गड़बड़ी हुई या नहीं, इसकी भी जांच की जा रही है।

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