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एक रुपए फसल बीमा योजना में ३५० करोड़ का घोटाला! …१६ करोड़ में ४ लाख आवेदन पाए गए फर्जी

बीड से किए गए सर्वाधिक आवेदन
सामना संवाददाता / मुंबई
एक रुपए में फसल बीमा योजना में ३५० करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है, इसलिए इस योजना को बंद करने की सिफारिश कृषि आयुक्त की समिति ने की है। इसमें यह भी बताया गया है कि सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन बीड जिले से आए हैं। इसका खुलासा खुद भाजपा विधायक सुरेश धस ने किया है।
उल्लेखनीय है कि भाजपा विधायक सुरेश धस ने फसल बीमा योजना को लेकर गंभीर आरोप लगाए थे। इसके बाद महायुति सरकार ने कृषि आयुक्त की अध्यक्षता में एक समिति नियुक्त की थी। इस समिति ने माना है कि एक रुपए फसल बीमा योजना में ३५० करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है, इसलिए कृषि आयुक्त की समिति ने इस योजना को बंद करने की सिफारिश की है। ओडिशा में भी इस योजना में भ्रष्टाचार हुआ, इसलिए इस समिति ने सिफारिश की है कि इस योजना को महाराष्ट्र में भी बंद कर देना चाहिए। समिति ने यह भी कहा कि अधिकतर फर्जी आवेदन बीड से किए गए हैं। एक रुपए फसल बीमा योजना के लिए राज्य से लगभग १६ करोड़ १९ लाख ८ हजार ८५० आवेदन मंजूर किए गए थे। इन आवेदनों को लेकर समिति ने कहा है कि चार लाख आवेदन फर्जी निकले हैं। सबसे ज्यादा फर्जी आवेदन बीड से हैं और इनकी संख्या १ लाख ९ हजार २६४ है। इसके बाद सतारा में ५३ हजार १३७ और जलगांव में ३३ हजार ७८६ फर्जी आवेदन किए गए हैं।

९६ सामूहिक केंद्रों की मान्यता रद्द
फसल बीमा के लिए आवेदन सामूहिक सेवा केंद्रों के माध्यम से किए जाते हैं। किसानों को यह बीमा एक रुपए में मिलता है, इसलिए एक आवेदन के लिए सामूहिक सेवा केंद्र को ४० रुपए मिलते हैं। सामूहिक सेवा केंद्र किसानों को बिना बताए किसानों के आवेदन भर देते हैं। ऐसे भी मामले सामने आए हैं। बीड जिले के सामूहिक सेवा केंद्रों ने नांदेड़ और परभणी के किसानों का भी फसल बीमा निकाला है। फर्जी आवेदन के कारण राज्य भर में ९६ सामूहिक सेवा केंद्रों की मान्यता रद्द कर दिए गए हैं। बीड में सबसे ज्यादा यानी ३६ सामूहिक सेवा केंद्रों की मान्यता रद्द की गई है।

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