सामना संवाददाता / मुंबई
‘ईडी’ २.० के सत्ता में आते ही अब महाराष्ट्र की जनता के साथ लूट शुरू होनेवाली है। सरकार का निशाना आम मध्यम वर्गीय सर्विस क्लास है। सेकंड हैंड कार पर सरकार पहले ही १८ फीसदी मार्जिन टैक्स लगा चुकी है। अब मुंबई व महाराष्ट्र वासियों की बारी है। सरकार इनके ऊपर भारी कंजेशन टैक्स लगाने पर विचार कर रही है।
मुंबई में कार चलानेवालों की अब शामत आनेवाली है। सरकार उनसे भारी-भरकम कंजेशन टैक्स वसूलने की तैयारी कर रही है। इससे मध्यम वर्गीय मुंबईकरों की परेशानी काफी बढ़ जाएगी। लोगों का कहना है कि फडणवीस सरकार ने सत्ता में आते ही महाराष्ट्र की जनता के साथ लूट शुरू कर दी है।
बता दें कि सरकार मध्यम वर्गीय सर्विस क्लास पर यह दूसरा आघात करने जा रही है। इसके पहले वित्त मंत्री ने सेकंड हैंड कार पर १८ फीसदी का मार्जिन टैक्स लगाकर पहले ही उसे हलाकान कर दिया है। असल में शहर में सड़कें कम पड़ गई हैं और वाहन हैं कि बढ़ते ही जा रहे हैं। ऐसे में शहर की कई सड़कों पर ट्रैफिक जाम हो जाता है। मगर सरकार शहर के इन्प्रâास्ट्रक्चर को बेहतर बनाने के बजाय आम आदमी पर टैक्स का भारी-भरकम बोझ लादने पर आमादा है।
प्रति परिवार एक कार
सड़कों को वाहनों की भीड़भाड़ से बचाने के लिए ‘प्रति परिवार एक कार’ का नियम बनाने पर भी विचार हो रहा है। इस समय शहर में काफी परिवारों के पास एक से ज्यादा कारें हैं। कई लोग तो आधा दर्जन कारों के मालिक हैं। कुछ सेलिब्रिटिज तो ऐसी हैं कि उनके पास एक दर्जन तक कार हैं।
मुख्यमंत्री से हुई चर्चा
इस बारे में परिवहन विभाग और सरकार के बीच बातचीत चल रही है। हाल ही में परिवहन विभाग ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से इस बारे में चर्चा भी की है। सूत्र बताते हैं कि पीक आवर में दक्षिण मुंबई के व्यस्त इलाकों में भी कार के प्रवेश को नियंत्रित करने पर विचार चल रहा है।
पार्किंग की समस्या
ऐसे में पार्किंग की समस्या भी काफी ज्यादा बढ़ चुकी है। बिल्डिंग व सोसायटी में पर्याप्त जगह उपलब्ध न हो पाने के कारण लोग सड़कों पर ही कारें खड़ी कर देते हैं। पुरानी बिल्डिगों में तो यह समस्या काफी ज्यादा है।