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सीएम के संपर्क में होंगे मंत्रियों के सचिव!.. फडणवीस की पसंद से होगी नियुक्ति… सीएमओ की अनुमति के बिना नियुक्त नहीं होंगे निजी सचिव… शिंदे और अजीत पवार पर नियंत्रण की रूपरेखा तैयार

सुनील ओसवाल / मुंबई

मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट विस्तार में बड़ा लंबा समय लग गया। शिंदे गृह मंत्रालय के लिए रूठे और बीमार भी पड़े, पर फडणवीस ने शिंदे की जिद के सामने घुटने नहीं टेके।

आखिर लंबी जद्दो-जहद के बाद ‘ईडी’ २.० सरकार के मंत्रियों के विभागों का बंटवारा तो हो गया है, पर इस मंत्रिमंडल में शिंदे गुट और दादा गुट के मंत्री अपने मन से कुछ भी नहीं कर सकते। उनके ऊपर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का पूरा नियंत्रण रहेगा। ये मंत्री अपनी मनमर्जी से अपना निजी सचिव भी नियुक्त नहीं कर सकते। इसके लिए भी उन्हें सीएमओ (मुख्यमंत्री कार्यालय) से अनुमति लेनी पड़ेगी। एक तरह से सीएम के संपर्क में इन मंत्रियों के सचिव होंगे।
बता दें कि गत ५ दिसंबर को मुख्यमंत्री और दोनों उप मुख्यमंत्रियों के शपथ ग्रहण के बाद कैबिनेट विस्तार में बड़ा लंबा समय लग गया। इसका कारण था कि शिंदे को गृह मंत्रालय चाहिए था। इसके लिए शिंदे रूठे भी और बीमार भी पड़े। पर फडणवीस ने शिंदे की जिद के सामने घुटने नहीं टेके। आखिर में नाराज शिंदे को नागपुर में वही मंत्रालय स्वीकार करना पड़ा जिसे फडणवीस ने मेहरबानी करते हुए उन्हें दिया। अब शिंदे और अजीत पवार पर नियंत्रण की रूपरेखा तैयार हो गई है।
शिंदे-दादा गुट पर लगी नकेल!

ईडी २.० सरकार के कैबिनेट का विस्तार तो हो गया पर शिंदे और दादा गुट को नियंत्रण में रखने के लिए सीएम देवेंद्र फडणवीस ने नई चाल चली है। ‘ईडी’ २.० सरकार में विभागों के बंटवारे के बाद अब मंत्रियों के निजी सचिव (पीएस), निजी सहायक (पीए) और विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी) की नियुक्ति की प्रक्रिया चल रही है। हालांकि, मंत्री अब अपनी मर्जी और पसंद के लोगों को इन पदों पर नियुक्त नहीं कर सकते। इन कर्मचारियों की नियुक्ति पर फडणवीस की मुहर जरूरी है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के कार्यालय (सीएमओ) से नामों की मंजूरी के बाद ही ये नियुक्तियां की जाएंगी। सरकार में शामिल तीनों दलों के मंत्रियों पर यह फरमान लागू होगा। हालांकि, चर्चा है कि फडणवीस ने ऐसा फरमान सिर्फ शिंदे और दादा पर नकेल कसने के लिए निकाला है। इससे शिंदे व दादा गुट के मंत्रियों के कई करीबी, जिन्होंने निजी सचिव, सहायक और ओएसडी बनने का सपना पाल रखा है, वे सदमे में हैं। इस सरकार के करीबी सूत्र बताते हैं कि फडणवीस मंत्रालय में विवादास्पद व दागी अधिकारियों की नियुक्ति पर रोक लगाने की कोशिश कर रहे हैं इसलिए यह फरमान जारी किया गया है।

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