पालघर में समुद्री सुरक्षा भगवान भरोसे
सामना संवाददाता / मुंबई
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकवादियों द्वारा किए गए हमले ने एक बार फिर देश की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना ने पालघर जिले में समुद्री सुरक्षा की गंभीर स्थिति को भी उजागर किया है। रिपोर्ट की मानें तो मुंबई के २६/११ के आतंकवादी हमले के बाद पालघर पुलिस द्वारा समुद्री सुरक्षा के लिए खरीदी गई स्पीड बोटों का हाल यह है कि चार में से तीन बोटें खस्ताहाल हो चुकी हैं, जबकि सिर्फ एक बोट के सहारे पूरे ११० किलोमीटर लंबी तटीय क्षेत्र की गश्त की जा रही है।
यह स्थिति न केवल सुरक्षा के लिए खतरे की घंटी है बल्कि प्रशासन की लापरवाही और अदृश्यता को भी उजागर करती है। पालघर पुलिस द्वारा तीन महीने पहले निजी बोट की मांग की गई थी, लेकिन राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन ने इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया। पहले से किराए पर ली गई बोटों का अनुबंध समाप्त होने वाला है और इस पर कोई नया कदम नहीं उठाया गया है।
निविदाएं जारी करने की दिशा में ठोस पहल नहीं
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पालघर के पुलिस अधीक्षक बालासाहेब पाटील ने जनवरी में निविदाएं जारी करने की मांग की थी, ताकि नई गश्ती बोटें खरीदी जा सकें, लेकिन अभी तक इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किए गए। इस पूरी स्थिति ने यह साबित कर दिया है कि पालघर जिले की समुद्री सुरक्षा पूरी तरह से भगवान भरोसे है और प्रशासन की लापरवाही का खामियाजा स्थानीय सुरक्षा में गंभीर खामियों के रूप में सामने आ रहा है।