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बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने की भाजपा के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने वकालत की

अनिल मिश्र / पटना

बिहार प्रदेश के बक्सर संसदीय क्षेत्र के पूर्व सांसद और पूर्व केंद्रीय राज्य मंत्री एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाने की वकालत की है। अश्विनी चौबे का मानना है कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री मोदी के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम कर रहे हैं और उन्हें इस पद के लिए योग्य माना जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे बिहार का महत्वपूर्ण विकास होगा।
इस संबंध में बक्सर के पूर्व सांसद अश्विनी चौबे ने कहा है कि नीतीश उप प्रधानमंत्री पद के लिए सुयोग्य हैं।
गौरतलब हो कि इससे पूर्व भी पिछले साल लोकसभा चुनाव के दौरान मीडिया में एक खबर आई थी, जिसमें कहा गया था विपक्षी दलों के नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन ने जनता दल (यूनाइटेड) को लुभाने के लिए नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री की पेशकश किये गये हैं।
हालांकि उसके बाद नीतीश समय-समय पर साफ कहते आए हैं कि वो एनडीए को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा कि एक-दो बार गलती से इधर-उधर चले गये थे, लेकिन अब यहां से कहीं नहीं जाऊंगा।
पिछले वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 240 सीटें जीतीं, जो 2019 के 303 के मुक़ाबले काफी कम रही है। दूसरी ओर,इस चुनाव में कांग्रेस ने 99 सीटें जीती है। जबकि भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली एनडीए ने 293 सीटें जीतकर नरेंद्र मोदी तीसरी बार देश के प्रधानमंत्री बने हैं। जबकि भारतीय जनता पार्टी को सत्ता तक पहुंचाने में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड और आन्ध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चन्द्र बाबू नायडू की तेलुगू देशम पार्टी का अहम रोल रहा है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी चौबे ने कहा कि जिस तरह से नीतीश कुमार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कंधे से कंधे मिलाकर चल रहे हैं, उनको उप प्रधानमंत्री बना देना चाहिए। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार प्रधानमंत्री बन जाते हैं तो बिहार का विकास होगा और बाबू जगजीवन राम जी के बाद बिहार को दूसरा उप प्रधानमंत्री मिलेगा। वहीं इस साल बिहार में विधानसभा का चुनाव भी होना है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के कई नेता कह चुके हैं। राज्य का चुनाव नीतीश कुमार के ही नेतृत्व में लड़ा जाएगा। बिहार के उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने कहा था कि एनडीए बिहार में नीतीश कुमार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में काम कर रहा है और हम दोनों नेताओं के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।उन्होंने कहा कि इसके पहले भी गठबंधन ने नीतीश कुमार को अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया था। उन्होंने कहा, भविष्य में भी हम नीतीश कुमार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी जहां बिहार में अपना मुख्यमंत्री के कुर्सी पर काबिज होने के लिए जहां लालायित है वहीं ओबीसी को जहां अपने साथ रखकर पिछले तीन चुनावों से केंद्र की सता में बैठकर सरकार चला रही है। जबकि आने वाले दिनों में देश की सबसे बड़ी आबादी वाले इस समाज को साथ लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 2047 तक सता में रहने को लेकर कोई कसर नहीं छोड़ने को लेकर पूरी प्लानिंग कर रही है। इसी बात को लेकर भारतीय जनता पार्टी का गढ़ रहे गुजरात के अहमदाबाद में कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता विपक्ष राहुल गांधी ने पार्टी के अधिवेशन के पहले पार्टी की विस्तारित सीडब्ल्यूडी की बैठक में शामिल हुए। इस बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जु खरगे से लेकर संसदीय बोर्ड की नेता सोनिया गांधी समेत तमाम नेता मौजूद रहे। सूत्रों के अनुसार इस बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हम अल्पसंख्यक की बात करते हैं और करते रहेंगे। इससे नहीं डरेंगे। जानकारी के मुताबिक, राहुल गांधी ने बैठक में दलित, ओबीसी और ब्राह्मण समाज को लेकर भी बयान दिया है। जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस की बैठक में राहुल गांधी ने कहा कि हम दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण में ही उलझे रहे और देश की सबसे बड़ी आबादी और मतदाता ओबीसी हमारे साथ छोड़कर चला गये। हम अल्पसंख्यक की बात करते है, इसलिए कई बार हमारी आलोचना भी होती है। इससे डरना नहीं है, मुद्दे उठाए जाने चाहिए। राहुल गांधी ने कहा कि पहले हम मुसलमान, माइनॉरिटी की बात करेंगे, डरना नहीं है। राहुल गांधी का यह बयान इसलिए भी अहम है जब देशभर में नए वक्फ कानून को लेकर अल्पसंख्यक समुदाय चिंतित है। संसद के दोनों सदनों में कानून पास हो चुका है। वहीं महामहिम राष्ट्रपति द्रोपति मुर्मू ने इस कानून पर मुहर भी लगा दी है।कांग्रेस के नेता जब अमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल मेमोरियल स्मारक में विस्तारित सीडब्ल्यूसी के साथ ग्रुप फोटो के इकट्‌ठा हो रहे थे, तक केंद्र सरकार ने नए वक्फ कानून को देश में लागू करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया था। ओबीसी के मुद्दे पर राहुल गांधी की चिंता वाजिब हो सकती है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए ही सरदार पटेल की सबसे बड़ी प्रतिमा का ऐलान किया था। इसके बाद उन्हें पूरे देश के पटेल, पाटीदार, कुर्मी और इससे जुड़ी ओबीसी जातियों का समर्थन मिला था। मोदी ने खुद को ओबीसी नेता के तौर पर स्थापित कर लिया था। सीडब्ल्यूसी की विस्तारित बैठक में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने निशाना साधा।अब आने वाले समय में देखना होगा, क्या बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को उप प्रधानमंत्री बनाकर बिहार की कुर्सी पर भारतीय जनता पार्टी के नेता बैठते हैं और नीतीश कुमार के सहारे भारतीय जनता पार्टी केन्द्र में कितने दिनों तक सरकार चला पाती है। वहीं देश की सबसे बड़ी और पुरानी पार्टी कांग्रेस आने वाले वक्त में ओबीसी को अपने पाले में लाकर केंद्र में सत्ता का स्वाद कब चख पाती है।

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