सामना संवाददाता / मुंबई
मुंबई मनपा के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में डायग्नोस्टिक टेस्ट और स्वैâन की देख-रेख करनेवाली निजी भागीदार कंपनी कृष्णा डायग्नोस्टिक ने मनपा को जोरदार झटका दिया है। कंपनी ने स्वास्थ्य केंद्रों में दी जाने वाली सभी सेवाओं को तत्काल खंडित करने की घोषणा की है। बताया है गया है कि कंपनी ने यह पैâसला आठ करोड़ रुपए के बकाया भुगतान और इन सेवाओं को जारी रखने के लिए टेंडर देने में देरी के कारण लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मनपा के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में रोजाना हजारों की संख्या में मरीज इलाज और जांच कराने के लिए पहुंचते हैं। इन स्वास्थ्य केंद्रों में डायग्नोस्टिक टेस्ट स्वैâन कृष्णा डायग्नोस्टिक के माध्यम से मनपा कराते आ रही थी। कृष्णा डायग्नोस्टिक्स के एक अधिकारी ने कहा कि हमारे अनुबंध संबंधी दायित्व समाप्त हो गए। इसके बाद भी हमने मानवतावश मरीजों की खातिर काम करना जारी रखा। इसके साथ ही हमने मनपा के नए टेंडर में भाग लिया। सेवाओं की बहाली सुनिश्चित करने के लिए अधिकारियों को बिना देरी के चयनित बोलीदाता को टेंडर देना चाहिए। हालांकि, मनपा की ओर से कोई सकारात्मकता न दिखाई देने पर कंपनी ने अस्पतालों और २०० से अधिक आपला दवाखानों में रक्त संग्रह और डायग्नोस्टिक सेवाओं को निलंबित कर दिया। बताया गया है कि समझौते की अवधि समाप्त नहीं हुई है, लेकिन अब तक किए गए परीक्षणों की संख्या पहले से सहमत संख्या से अधिक है।
रोगी देखभाल में नहीं आएगी कोई कमी
मनपा की कार्यकारी स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. दक्षा शाह ने कहा कि कृष्णा डायग्नोस्टिक ने पहले भी सेवाएं बंद कर दी थीं और उन्हें फिर से शुरू किया। उन्होंने कहा कि हम जो सबसे आम परीक्षण करते हैं, वे रक्त शर्करा, मलेरिया और टीबी के लिए रैपिड टेस्ट हैं। हमारे पास इनके लिए पहले से ही सुविधाएं हैं। इसलिए रोगी की देखभाल में कोई कमी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि कृष्णा डायग्नोस्टिक्स को नए टेंडर समझौते तक सेवाएं जारी रखने के लिए बाध्य किया गया है।