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‘ईडी’ २.० की झलकी बेशर्मी : अस्पताल के एक बेड पर दो-दो ‘बहनें’! …मुंबई के मनपा अस्पतालों का हाल बेहाल

– शिवसेना विधायक ने डीन ऑफिस को लॉक करने की दी चेतावनी
– आगामी बजट सत्र में फडणवीस सरकार के घेराव की तैयारी
धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
मुंबई मनपा द्वारा संचालित केईएम समेत सभी मनपा अस्पतालों का हाल बेहाल है। आलम यह है कि कहीं दवाइयों की किल्लत है, तो कहीं जांच कराने की वेटिंग लिस्ट काफी लंबी है। सबसे दयनीय स्थिति केईएम अस्पताल की है, जहां एक बेड पर दो-दो ‘लाडली बहनों’ का इलाज किया जा रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के विधायक अजय चौधरी अस्पताल की मौजूदा स्थितियों का जायजा लेने पहुंचे।
‘लाडली बहनों’ की हो रही दुर्दशा को दूर करने की कोशिश नहीं की जा रही है। इससे ‘ईडी’ २.० की बेशर्मी साफ तौर पर झलक रही है। शिवसेना विधायक ने चेतावनी भरे लहजे में कहा है कि अस्पताल प्रशासन ने समय रहते मामले में यदि कुछ नहीं किया तो हम डीन ऑफिस में ताला लगा देंगे। उन्होंने कहा कि इसके बाद भी स्थिति नहीं सुधरती है, तो आगामी बजट सत्र में फडणवीस सरकार का घेराव करेंगे।

मनपा अस्पताल हुए बेहाल
कर्मचारियों की शिकायतों पर ध्यान नहीं देते डीन!

मुंबई मनपा के सभी अस्पताल बेहाल हो चुके हैं। इलाज और जांच की सुविधा की अवस्था दयनीय हो चुकी है। १,२०० बेड वाले मनपा के केईएम अस्पताल में न केवल मुंबई और महाराष्ट्र, बल्कि देश के विभिन्न क्षेत्रों से मरीज अपने परिजनों के साथ इलाज करने के लिए पहुंचते हैं। इस अस्पताल में रोजाना करीब पांच हजार मरीज ओपीडी में पहुंचते हैं, जबकि ३०० से ४०० मरीजों को भर्ती किया जाता है। इसके साथ ही १०० से ज्यादा की सर्जरी भी होती है। मरीजों की इस लंबी लाइन को देखते हुए अस्पताल में स्वास्थ्य सुविधाएं बढ़ाने पर जोर देना चाहिए, लेकिन अस्पताल प्रशासन इसे लेकर पूरी तरह से उदासीन रवैया अपना रहा है।
अमूमन यही स्थिति मनपा के नायर, सायन, कूपर और अन्य उपनगरीय अस्पतालों की भी है। शिवसेना विधायक अजय चौधरी ने कहा कि इस बारे में जब हमने यहां के कर्मचारियों से बात की तो पता चला कि मरीजों की इन समस्याओं को वे कई बार डीन तक पहुंच चुके हैं, लेकिन ऐसा करते समय उन्हें कई बार डीन की फटकार तक का सामना करना पड़ा है।
हस्ताक्षर मुहिम
अजय चौधरी ने कहा कि विधानमंडल और जिला नियोजन समिति में लगातार केईएम समेत मनपा के अन्य अस्पतालों में व्याप्त समस्याओं का मुद्दा उठा चुका हूं। मनपा आयुक्त तक भी यह बात पहुंचाई। मोर्चा तक निकाला गया, लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि केईएम की इस दुर्दशा के खिलाफ अब हमने हस्ताक्षर मुहिम को चलाया है।

नहीं हुई बैठक
अजय चौधरी ने कहा कि विधान मंडल में मेरे मुद्दा उठाने के बाद खुद विधानसभा अध्यक्ष ने कहा था कि केवल केईएम ही नहीं, बल्कि सभी मनपा अस्पतालों की यही स्थिति है। उन्होंने निर्देश दिया था कि सरकार को इसे गंभीरता से लेकर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए। पिछली सरकार का कार्यकाल समाप्त हो चुका है और अब नई सरकार अस्तित्व में है। फिर भी आज तक कोई भी बैठक नहीं बुलाई गई है।

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