समान काम, समान वेतन का करेंगी मांग
सामना संवाददाता / मुंबई
मानधन वृद्धि, पेंशन और ग्रेच्युटी को लेकर लंबे समय से चल रही आंगनवाड़ी सेविकाओं की लड़ाई अब जाकर रंग लाई। इनकी जिद के आगे आखिरकार शिंदे सरकार को घुटने टेकने पड़े और पिछले मंत्रिमंडल की बैठक में मानधन में वृद्धि करने का निर्णय लिया गया है। इसी बीच अब मुंबई मनपा में सेवारत आशा स्वयं सेविकाओं ने मांग की है कि उन्हें दिवाली से पहले बोनस के साथ ही `समान काम, समान वेतन’ दिया जाए। इन मांगों को लेकर एक बार फिर से महाराष्ट्र राज्य समूह प्रवर्तक व आशा स्वयंसेविका संघ के नेतृत्व में आशा सेविकाएं आज से आजाद मैदान पर जमघट लगाएंगी।
उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत मुंबई मनपा में लगभग ७०० आशा सेविकाएं काम कर रही हैं। इसी तरह मनपा ने दो साल पहले ५,००० आशा स्वयं सेविकाओं की नियुक्ति की है। इन्हें केवल ३,००० रुपए, जबकि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत कार्यरत आशा सेविकाओं को करीब १६,००० रुपए मानधन मिलता है। इन सभी पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी लाभ नागरिकों तक पहुंचाने का महत्वपूर्ण कार्य सौंप गया है। महाराष्ट्र राज्य समूह प्रवर्तक व आशा स्वयंसेविका संघ के सह संगठक राजेश सिंह का कहना है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत काम करनेवाली आशा स्वयं सेविकाओं को प्रतिमाह लगभग १२ से १५ हजार रुपए मानधन मिलता है, लेकिन मुंबई मनपा में काम करनेवाली आशा स्वयं सेविकाओं को बहुत ही कम मानधन दिया जाता है। इतना ही नहीं, उनके साथ बहिष्कृतों जैसा व्यवहार किया जाता है।