सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने एस.टी. (महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम) के कर्मचारियों को वेतन वृद्धि का वादा करके उनके साथ एक बड़ा धोखा किया है। मुख्यमंत्री शिंदे द्वारा सभी कर्मचारियों के मूल वेतन में ६,५०० रुपए की वृद्धि का आश्वासन दिया गया था, मुख्यमंत्री ने हाल ही में एक बैठक में घोषणा की थी कि यह वेतन वृद्धि अप्रैल २०२० से लागू की जाएगी, जिससे कर्मचारियों को लगभग ३,२०० करोड़ रुपए का लाभ होने वाला था। लेकिन वास्तविक रूप से यह वृद्धि अब सितंबर २०२४ से लागू की जाएगी। इससे स्पष्ट है कि सरकार ने अपने वादे से पीछे हटते हुए एस.टी. कर्मचारियों को उनके हक से वंचित कर दिया है।
सरकार की इस नीति के खिलाफ कई अन्य मुद्दे भी सामने आए हैं। बर्गे ने आरोप लगाया है कि वार्षिक वेतन वृद्धि और महंगाई भत्ते की बकाया राशि के मुद्दे पर सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। २०१६ से लंबित वार्षिक वेतन वृद्धि और २०१८ से लंबित महंगाई भत्ता, दोनों का ही भुगतान अब तक नहीं किया गया है।