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शिंदे सरकार की ‘आर्थिक’ नीति … रिश्वतखोर अधिकारी को ‘क्रीमी’ पोस्टिंग … परिवहन अधिकारियों पर उठी उंगलियां

सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र की ‘घाती’ सरकार के राज में राज्य परिवहन विभाग यानि आरटीओ सबसे भ्रष्ट विभाग बन गया है। सरकार की ‘आर्थिक’ नीति से न केवल विभाग के अधिकारी बल्कि सरकार के मंत्री भी मलाई खा रहे हैं। सड़क सुरक्षा कानून के तहत खरीदे गए १८७ इंटरसेप्टर वाहनों के वितरण के दौरान परिवहन विभाग के अधिकारियों द्वारा रिश्वत लेने के मामले में दर्ज तीन में से एक मोटर वाहन निरीक्षक का तबादला कर दिया गया है। मोटर वाहन निरीक्षक संतोष काथार का तबादला नई मुंबई आरटीओ कार्यालय में किया गया। इस आरटीओ को क्रीमी पोस्टिंग माना जाता है। बताया जाता है कि यह तबादला उनके अनुरोध पर किया गया है। इस तबादले से न केवल आम लोग बल्कि परिवहन विभाग के अधिकारी भी हैरानी जता रहे हैं।
मुंबई परिवहन आयुक्त कार्यालय को सरकार द्वारा प्रदान किए गए वाहनों का वितरण करते समय रिश्वत मांगने का मामला उजागर हुआ था। इस मामले में परिवहन विभाग के अधिकारी परीक्षित  पाटील, संतोष काथार और धनराज शिंदे पर एसीबी ने मामला दर्ज किया था। उनमें से मोटर वाहन निरीक्षक संतोष काथार का तबादला नई मुंबई उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालय में अनुरोध के आधार पर किया गया है। एसीबी में मामला दर्ज होने के बावजूद इन पर कार्रवाई करने के बजाय क्रीमी पोस्टिंग दिए जाने पर विभाग में आश्चर्य जताया जा रहा है। इस बारे में परिवहन आयुक्त भीमनवार ने बताया कि परिवहन विभाग ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ गैर-कार्यकारी पद की कार्रवाई की है, जिसके तहत उनका तबादला सरकार द्वारा किया गया है।
सरकार द्वारा प्रदान किए गए वाहनों में उपकरण उपलब्ध कराने के नाम पर प्रति वाहन २५,००० रुपए रिश्वत लेने की चौंकानेवाली जानकारी एंटी करप्शन विभाग की कार्रवाई के दौरान सामने आई थी। इन वाहनों में एक्सेसरी की कमी थी, जिसे पूरा करने के नाम पर इन अधिकारियों ने प्रत्येक वाहन के लिए २५,००० रुपए की मांग की थी। राज्य भर के प्रादेशिक और उप-प्रादेशिक परिवहन कार्यालयों से १८७ वाहनों के लिए कुल ४६ लाख ७५ हजार रुपए वसूलने के आरोप में तीन परिवहन निरीक्षकों के खिलाफ एसीबी ने मामला दर्ज किया था।

‘एसीबी की रिपोर्ट हमें अभी प्राप्त नहीं हुई है। प्रारंभिक जानकारी के आधार पर परिवहन विभाग ने संबंधित अधिकारी के खिलाफ गैर-कार्यकारी पद की कार्रवाई कर उनकी सभी जिम्मेदारियां वापस ले ली हैं और उनका तबादला सरकार द्वारा किया गया है।’
विवेक भीमनवार,
 राज्य परिवहन आयुक्त

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