सामना संवाददाता / मुंबई
देशभर में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले को लेकर तीव्र आक्रोश व्यक्त किया जा रहा है। इस हमले में २७ निर्दोष नागरिकों की जान चली गई और कई पर्यटक घायल हुए हैं। इस घटना पर राजनीतिक क्षेत्र से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। इसी बीच शिंदे गुट के विधायक संजय गायकवाड ने एक चौंकानेवाला तर्क दिया है।
बुलढाणा से विधायक संजय गायकवाड ने भाषा पर विवादित बयान देते हुए कहा कि आतंकियों से बचने के लिए लोगों को उर्दू भाषा का ज्ञान होना जरूरी है इसलिए राज्य में उर्दू भाषा भी सिखाई जानी चाहिए, जिसके बाद उनके बयान को लेकर कड़ी निंदा हो रही है। इस घटना पर बोलते हुए उन्होंने राज्य में भाषा के मुद्दे को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा का विरोध कर कुछ राजनीतिक दल राजनीति कर रहे हैं, लेकिन हिंदी राष्ट्रीय भाषा है और हर जगह बोली जाती है। मैं तो कहूंगा कि आतंकवादियों के संदेश समझने के लिए हिंदी ही नहीं, बल्कि राज्य में उर्दू भी सिखाई जानी चाहिए।
विधायक गायकवाड के इस बयान ने कई लोगों को हैरान कर दिया है। इस बीच उन्होंने यह भी कहा कि पहलगाम हमला मुस्लिम आतंकवाद का चेहरा है, आतंकवादियों ने धर्म और लिंग की जांच कर गोलियां चलाईं। यह चौंकानेवाला है। इन आतंकवादियों को पकड़कर उनका सिर काट देना चाहिए, ऐसी मांग भी उन्होंने की है। बता दें कि कुछ दिनों पहले राज्य में स्कूलों में पहली कक्षा से हिंदी भाषा को अनिवार्य किए जाने को लेकर जोरदार विवाद खड़ा हो गया था। बाद में तीव्र विरोध के बाद सरकार ने नया शासकीय आदेश जारी करने का आश्वासन दिया है। शिक्षा मंत्री दादा भुसे ने यह भी स्पष्ट किया कि हमारे बोर्ड ने केंद्र सरकार की तीन-भाषा नीति को स्वीकार किया है। फिलहाल, राज्य में भाषा से जुड़ा विवाद अस्थायी रूप से शांत हुआ है।