धीरेंद्र उपाध्याय / मुंबई
महाराष्ट्र की राजनीति किसी रोलर-कोस्टर के जैसी है। कब क्या हो जाए, कुछ कहा नहीं जा सकता। सत्तारूढ़ महायुति में शामिल शिंदे गुट और भाजपा के बीच खटपट चरम पर पहुंच गई है। चार दिन पहले सूबे के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की `हल्के में मत लेना’ वाली धमकी ने सियासी माहौल और गरमा दिया था। इसके जवाब में भाजपा ने पलटवार किया है। इसके तहत अब शिंदे के गढ़ में घुसते हुए कल भाजपा के वन मंत्री गणेश नाईक ने जनता दरबार लगाते हुए लोगों की समस्याएं सुनते हुए उनका निस्तारण करने का सख्त आदेश संबंधित विभागों के अधिकारियों को दिया।
उल्लेखनीय है कि भाजपा नेता व वन मंत्री गणेश नाईक ने सोमवार को उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गृह क्षेत्र ठाणे में जनता दरबार लगाया। उन्होंने कहा कि राजनीति में किसी का भी स्थाई प्रभुत्व नहीं होता और नेतृत्व समय के साथ जनता की स्वीकृति के आधार पर बदलता रहता है। नाईक ने कहा कि ठाणे में अगला जनता दरबार मार्च में लगाया जाएगा। पिछले कुछ हफ्तों से भाजपा और शिंदे गुट के बीच संबंधों में असहजता की अटकलें हैं। ठाणे के भाजपा नेता संजय वाघुले ने बताया कि सुबह आठ बजे जनता दरबार स्थल पर लोगों को ४०० से अधिक टोकन वितरित किए गए।
फडणवीस के इशारे पर हो रहा कार्यक्रम
गणेश नाईक के बेटे और पूर्व सांसद संजीव नाईक ने स्पष्ट किया कि ‘जनता दरबार’ का मकसद सिर्फ जनता की समस्याएं सुनना है। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के निर्देश पर हो रहा है। सरकार चाहती है कि मंत्री जनता के बीच जाकर उनकी समस्याएं हल करें।
शिंदे ने दी थी चेतावनी
शुक्रवार को एकनाथ शिंदे ने इशारों-इशारों में भाजपा को चेतावनी दिया था। उन्होंने कहा था कि मुझे हल्के में मत लो। जिन्होंने हल्के में लिया था, उनकी गाड़ी पलट गई। उन्होंने आगे कहा कि जो समझना चाहते हैं, वो समझ लें। मैं अपना काम करता रहूंगा। शिंदे का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब भाजपा और शिंदे गुट के बीच तनाव की खबरें जोरों पर हैं। बीते कुछ हफ्तों में दोनों दलों के बीच दूरियां बढ़ती नजर आई हैं।