सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र में महायुति को पूर्ण बहुमत मिल तो गया है, लेकिन सत्ता की स्थापना को लेकर उनके बीच सामंजस्य नहीं बन पा रहा है। किसी तरह से सीएम पद के लिए देवेंद्र फडणवीस का नाम घोषित किया गया है तो अब प्रदेश की राजनीति में नया सस्पेंस देखने को मिल रहा है। महायुति सरकार के गठन को लेकर जारी चर्चाओं के बीच देवेंद्र फडणवीस के एक बयान ने माहौल और गर्म कर दिया है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों से सरकार में शामिल होने का आग्रह किया है।
फडणवीस के बयान से ही साबित हो गया कि शिंदे की नाराजगी दूर नहीं हुई है। लेकिन यह सवाल सभी के मन मे है कि शिंदे को खुश करने की दवा (गृह मंत्रालय) कौन देगा और कब मिलेगी।
दरअसल शिंदे उपमुख्यमंत्री बनने को तैयार नहीं हैं, क्योंकि उन्हें गृहमंत्रालय नहीं दिया जा रहा है। ऐसे में शिंदे गृहमंत्रालय के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं। महायुति के नेताओं ने कल महाराष्ट्र के राज्यपाल सी. पी. राधाकृष्णन से मुलाकात कर सरकार गठन का दावा पेश किया। भाजपा, शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के प्रमुख नेताओं क्रमश: देवेंद्र फडणवीस, एकनाथ शिंदे, और अजीत पवार ने मिलकर राज्यपाल को पत्र सौंपा। इसके बाद ५ दिसंबर (आज) शपथ ग्रहण समारोह का समय निर्धारित किया गया है। देवेंद्र फडणवीस ने इस दौरान कहा कि हमने एकनाथ शिंदे से मंत्रिमंडल में बने रहने की विनति की है। उनके विधायकों ने भी यही इच्छा व्यक्त की है। हमें उम्मीद है कि उनका सकारात्मक जवाब मिलेगा। इस बयान ने इस बात पर सस्पेंस बढ़ा दिया है कि क्या एकनाथ शिंदे उपमुख्यमंत्री पद ग्रहण करेंगे या नहीं।
आज शपथ विधि
राज्यपाल से मुलाकात के बाद यह स्पष्ट हो गया है कि शपथ ग्रहण समारोह आज शाम ५:३० बजे होगा। महायुति में भाजपा, शिंदे गुट, अजीत गुट के अलावा जनसुराज्य, स्वाभिमान, रासप और निर्दलीय विधायक शामिल हैं।
फडणवीस ने शिंदे को खुश करने के लिए कहा मंत्रिमंडल में पद महज तकनीकी पहलू है, लेकिन हमारी टीमवर्क पर आधारित सरकार रहेगी। फडणवीस ने आगे कहा हमने अतीत में भी तीनों ने मिलकर निर्णय लिए हैं और आगे भी इसी तरह से काम करेंगे। राज्य को विकास के रास्ते पर ले जाना हमारी प्राथमिकता है।