सामना संवाददाता / मुंबई
महायुति सरकार के गठन की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हुई है। मुख्यमंत्री की आस लगाए बैठे शिंदे को निराशा हाथ लगते नजर आ रही है। ऐसे में शिंदे गुट के विधायकों की सीएम के पद पर शिंदे की वापसी को लेकर आस छूट गई है। अब वे नई सरकार में मंत्री पद पाने के लिए जोरदार लॉबिंग में जुट गए हैं। भाजपा के साथ-साथ शिंदे गुट और अजीत पवार गुट के कई विधायक मुंबई में डेरा डाले हुए हैं और मंत्रीपद के लिए लॉबिंग कर रहे हैं।
महायुति के नए मंत्रिमंडल में कई नए चेहरों को मौका मिलने की संभावना है। ऐसे में शिंदे गुट के कई वरिष्ठ नेता जो पिछली सरकार में मंत्री थे, वे नए मंत्रिमंडल से बाहर हो सकते हैं। इसका डर उन्हें सता रहा है। इस वजह से विधायक मंत्रीपद पाने के लिए हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। तो एकनाथ शिंदे सरकार में पहले से मंत्री रह चुके कई विधायक अपनी जगह बरकरार रखने की कोशिश में हैं।
इसका शिंदे पर भी खूब दबाव है। इस दबाव के चलते मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने पार्टी के विधायकों को मुंबई छोड़कर अपने-अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाकर काम करने की सलाह दी है।
ताज लैंड होटल में डाला डेरा
शिंदे गुट के विधायक संजय शिरसाट और भरत गोगावले, जिन्हें पिछली सरकार में मंत्रीपद नहीं मिला था, इस बार मंत्री बनने के लिए जोर लगा रहे हैं। पिछली बार शिरसाट को सिडको और गोगावले को एसटी महामंडल का अध्यक्ष पद दिया गया था। अब ये दोनों विधायक सीधे तौर पर मंत्रीपद की मांग कर रहे हैं। शिवसेना (शिंदे गुट) के कई विधायक मुंबई के ताज लैंड होटल में अब भी ठहरे हुए हैं। हालांकि, शिंदे की सलाह के बाद होटल में कम विधायकों की उपस्थिति देखी जा सकती है।