सामना संवाददाता / मुंबई
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री सहित शिंदे गुट के नेताओं और मंत्रियों का विवाद से ‘चोली दामन’ का रिश्ता है। यही कारण है कि हर दिन कुछ न कुछ विवादित बयान देते है, जिसके कारण वे सुर्खियों में बने रहते है। महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री व शिंदे गुट के नेता तानाजी सावंत का बयान चर्चा का विषय बना हुआ है। उन्होंने कहा कि वह वैâबिनेट की बैठकों में अजीत पवार गुट के नेताओं की बगल में बैठते हैं, लेकिन बाहर आने के बाद उन्हें उल्टी आने जैसा महसूस होता है। यानी घिन आती है। इस तरह का विवादित बयान तानाजी सावंत ने दिया है। सावंत के इस बयान पर अजीत पवार गुट ने तीखी प्रतिक्रिया दी है।
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री सावंत ने गत बृहस्पतिवार को एक कार्यक्रम में कहा कि राकांपा के नेताओं के साथ उनकी कभी नहीं बनी। सावंत ने कहा कि ‘भले ही वैâबिनेट बैठकों में हम एक-दूसरे के बगल में बैठते हैं, लेकिन बाहर आने के बाद मुझे उल्टी सी आने लगती है।’ स्वास्थ्य मंत्री तानाजी सावंत के उक्त बयान के बाद अजीत पवार गुट की ओर से तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। विधान परिषद सदस्य (एमएलसी) अमोल मिटकरी ने सावंत की टिप्पणी की निंदा की और सवाल किया कि महायुति को बरकरार रखने की जिम्मेदारी क्या केवल अजीत पवार गुट की है।
उन्होंने कहा कि सावंत ने पहले भी ऐसी टिप्पणियां की हैं, जिनसे अजीत पवार गुट को ठेस पहुंची है। मिटकरी ने कहा कि ‘हम केवल महायुति धर्म की खातिर चुप हैं।’ मिटकरी ने तंज कसते हुए कहा कि उल्टी आने की समस्या का ‘इलाज’ केवल मुख्यमंत्री ही कर सकते हैं। बता दें कि इससे शिंदे गुट के मंत्री अब्दुल सत्तार सहित कई नेताओं ने विवादित बयान दिया था।