सामना संवाददाता / मुंबई
कालीना विधानसभा क्षेत्र में शिवसेना ने अपने द्वारा किए गए विकास कार्यों, स्थानीय नागरिकों के लिए स्थापित सुविधाओं, मल:निस्सारण परियोजनाओं, हवाई अड्डे के पास झोपड़ियों और इमारतों के पुनर्विकास के लिए किए गए प्रयासों, उसमें से ढाई हजार झोपड़ीधारकों की पात्रता का निर्धारण, पानी की आपूर्ति और कोरोना काल में उपलब्ध कराई गई स्वास्थ्य सेवाओं के कारण शिवसेना और महाविकास आघाड़ी के उम्मीदवार संजय पोतनीस ने कालीना में अपेक्षाकृत जीत हासिल की। कालीना एक मिश्रित विधानसभा क्षेत्र है, जिसमें मराठी, मुस्लिम, ईसाई और उत्तर भारतीय मतदाताओं का समावेश है। इस बार कुल १६ उम्मीदवार चुनावी मैदान में थे। इनमें से पवई से चुनावी मैदान में उतारे गए भाजपा के अमरजीत सिंह को मतदाताओं ने पूरी तरह नकार दिया। इससे पहले २०१९ विधानसभा चुनाव में भी भाजपा के अमरजीत सिंह को संजय पोतनीस ने हराया था। वंचित और मनसे के उम्मीदवारों को भी मतदाताओं ने नकारते हुए शिवसेना को विजयी बनाया लोगों की समस्याओं और कठिनाइयों को समझते हुए और उन्हें समाधान देने के लिए उनका मार्गदर्शन करने का काम संजय पोतनीस ने किया। मानवतावादी दृष्टिकोण और सामाजिक प्रतिबद्धता के तहत उन्होंने महानगरपालिका अस्पतालों को दो कार्डियक एंबुलेंस उपलब्ध कराई, साथ ही कोरोना के दौरान मुंबई विश्वविद्यालय में छोटे बच्चों के लिए एक कोविड सेंटर भी स्थापित किया। संजय पोतनीस की पिछले दस सालों के राजनीतिक और सामाजिक कार्यों को देखकर ही कालीना के मतदाताओं ने उन पर विश्वास जताया और तीसरी बार उन्हें चुना।