मुख्यपृष्ठनए समाचारशिवसेना का माहिम निर्वाचन क्षेत्र अभेद्य! ... लोकसभा की जीत विधानसभा में...

शिवसेना का माहिम निर्वाचन क्षेत्र अभेद्य! … लोकसभा की जीत विधानसभा में दोहराई जाएगी

सामना संवाददाता / मुंबई
माहिम विधानसभा क्षेत्र शिवसेना का पारंपरिक अभेद्य गढ़ रहा है। इस विधानसभा क्षेत्र का दादर-शिवाजी पार्क राजनीतिक केंद्र है। इस सीट पर होने वाले मुकाबले पर पूरे राज्य की नजर टिकी हुई है। विधानसभा चुनाव में शिवसेना के महेश सावंत, शिंदे गुट के सदा सरवणकर और एमएनएस के अमित ठाकरे तीन प्रमुख उम्मीदवार मैदान में हैं। सदा सरवणकर २०१९ के विधानसभा चुनाव में शिवसेना के टिकट पर चुने गए थे, लेकिन विश्वासघात करके वे शिंदे के गुट में शामिल हो गए हैं। इस क्षेत्र के कट्टर शिवसैनिकों को विश्वासघात बर्दाश्त नहीं है। राहुल शेवाले ने शिवसेना को धोखा दिया और शिंदे गुट में शामिल हो गए। इस विश्वासघात से शिवसैनिकों में असंतोष व्याप्त है। लोकसभा चुनाव में मतदाताओं ने अपना असंतोष ईवीएम के जरिए जाहिर किया। इस दौरान राहुल शेवाले को घर का रास्ता दिखाते हुए अनिल देसाई को चुन लिया गया। लोकसभा चुनाव की जीत विधानसभा चुनाव में भी दोहराई जाएगी, ऐसी तस्वीर देखने को मिल रही है।
वहीं, इस विधानसभा क्षेत्र की समस्याएं खासकर भवन के पुनर्विकास के लंबित मुद्दे को लेकर मतदाता मौजूदा विधायकों से बेहद नाराज हैं। इस निर्वाचन क्षेत्र में कम से कम पंद्रह से बीस इमारतों का पुनर्विकास रुका हुआ है। इन इमारतों के कई निवासियों को शिवाजी पार्क, दादर-माहिम से विस्थापित किया गया है। इस क्षेत्र के निवासी अपने घर खाली करके उपनगरों में रहने चले गए हैं। भवन का निर्माण अधूरा है। मकान का किराया भी बंद हो गया है, इससे क्षेत्रवासियों में काफी आक्रोश है। वर्तमान सरकार ने निवासियों के साथ बैठकें कीं। सरकार ने विधानसभा में घोषणा की थी कि रुकी हुई इमारतों का पुनर्विकास म्हाडा के माध्यम से किया जाएगा, लेकिन एक भी इमारत के निर्माण के लिए एक र्इंट तक नहीं रखी गई है। शिवकृपा भवन का निर्माण पिछले अठारह वर्षों से रुका हुआ है। इन इमारतों से लगभग ९८ परिवार उपनगरों में चले गए हैं। विस्थापित मतदाता पूछ रहे हैं कि जब वे अपने ही भवन में रहने वालों को न्याय नहीं देंगे तो हमें क्या न्याय मिलेगा? इसके अलावा, शासक इस निर्वाचन क्षेत्र में पीने के पानी की समस्या, पुरानी चालियों की समस्या, फेरीवालों की समस्या, शिवाजी पार्क में धूल के कारण प्रदूषण का समाधान नहीं कर पाए हैं।

अन्य समाचार