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पोलादपुर, म्हसला, माणगांव में शिवसेना का तूफान : मोदीजी, शिवसेनाप्रमुख के ऋण को मत भूलो … उद्धव ठाकरे ने भाजपा को चेताया

सामना संवाददाता / मुंबई
वोट जनता का और कीमत भाजपा मित्रों को…ये आगे से नहीं चलेगा। अगली पीढ़ी को तानाशाही के हाथ में देने का पाप न करें। उसके लिए अब हमें हिम्मत दिखानी ही पड़ेगी। मतदाता जागते रहो, रात तो बैरियों की ही है। लेकिन सो गए तो दिन भी बैरियों के आ जाएंगे। इस तरह की चेतावनी शिवसेना (उद्धव बालसाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने दी। एक साथ `लड़ेंगे और जीतेंगे ही’ का नारा उन्होंने शिवराय की राजधानी से दिया। पेण, अलीबाग और रोहा के शिवसंवाद दौरे के बाद कल उद्धव ठाकरे की सभा का तूफान पोलादपुर, म्हसला और माणगांव पहुंचा। गांवखेड़ा, वाड़ियों से आए शिवसैनिकों और जनता की विशाल भीड़ से तीनों शहरों के मैदान ओवरपैक हो गए थे। पहली सभा पोलादपुर स्थित देवीची सहाण में हुई। इस सभा में उद्धव ठाकरे ने मोदी सरकार के तानाशाही कामकाज और गद्दारों की चाटुकारिता पर जमकर प्रहार किया।
उद्धव ठाकरे ने कहा कि इससे पहले भी मैं मोदी की गारंटी पर बात कर चुका हूं। मोदी जी के प्रचार में दो बार हम भी साथ में ही थे। वे केवल अकेले के बल पर प्रधानमंत्री नहीं बने हैं। शिवसेना तुम्हारे कठिन दौर में साथ खड़ी रही। यदि शिवसेनाप्रमुख तुम्हारे साथ ख़ड़े नहीं होते तो वाजपेयी जी तुम्हारा क्या करते, ये थोड़ा ध्यान में रखो… शिवसेनाप्रमुख के इस ऋण को भूले नहीं, इस तरह की सलाह भी उद्धव ठाकरे ने दी।
संकट के समय महाराष्ट्र ही दौड़ता है
दिल्लीश्वर देश एक तरफ और गुुजरात एक तरफ इस तरह का विभाजन कर रहे हैं। यह बहुत ही घातक है। गुजराती समाज देशभर में पैâला है। महाराष्ट्र में भी है। दूध में शक्कर की तरह घुल गया है। मराठी भी बोल रहे हैं। उनकी कई पीढ़ियां यहीं रह रही हैं। लेकिन तुम यहां से सबकुछ उठाकर गुजरात ले जा रहे हो। फिर यहां के लोग क्या करेंगे? गुजरात को तुम्हें समृद्ध करना है तो जरूर करो…लेकिन सेनापति बापट जो बोले थे, उसे भी ध्यान में रखो। महाराष्ट्र मरा तो राष्ट्र मरा…मराठियों के बिना राष्ट्र नहीं चलेगा.. असली बैरी पराधीनता का… महाराष्ट्र आधार है इस भारत का… हर बार संकट के समय देश को बचाने के लिए महाराष्ट्र दौड़कर आता है। इस महाराष्ट्र को कंगाल करना, नहीं चलेगा। ऐसा करोगे तो महाराष्ट्र के वीर हैं और तुम हो… हो जाने दो एक बार, इस तरह की जोरदार चुनौती भी उद्धव ठाकरे ने दी।  केंद्र में मोदी और राज्य में `घाती’ सरकार का रथ गांव-गांव घूमने लगा है। उसकी भी खबर उद्धव ठाकरे ने ली। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने घोषणा की थी। क्या अच्छे दिन आए? आपके खाते में क्या १५ लाख रुपए आए? किसानों की आय क्या दोगुनी हुई? जनधन योजना का पैसा क्या आपके खाते में आया? क्या प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना मिली? कुछ भी नहीं मिला। अब गांव-गांव में मोदी और `घाती’ सरकार का रथ घूमने लगा है। सरकार आपके द्वार और झूठ की भरमार… लेकिन उनका रथ ग्रामीण और किसान रोक रहे हैं और उन्हें वापस भेज रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि जाओ अपने घर!
हिम्मत है तो पीएम केयर फंड की करो जांच
कोरोना काल में एपेडेमिक एक्ट का इस्तेमाल करके मुंबई मनपा द्वारा नागरिकों की जान बचाने को लेकर लिए गए पैâसले की राज्य सरकार ने जांच शुरू की है। इस पर उद्धव ठाकरे ने कहा कि यह कानून अंग्रेजों के समय का है। महामारी कंट्रोल में लाने के लिए उपाय योजनाओं में टेंडर वगैरह निकालने की जरूरत नहीं होती हैं। लेकिन फिर भी हमने टेंडर जारी करके ही महामारी निवारण यंत्रणा चलाकर लोगों की जान बचाई। अब मुंबई मनपा की जांच किसलिए कर रहे हो? तत्कालीन महापौर किशोरी पेडणेकर के पीछे जांच लगाते हो, जिन वस्तुओं को खरीदा गया, उस टेंडर पर तत्कालीन आयुक्त के हस्ताक्षर थे। उस आयुक्त को तुम गिरफ्तार नहीं कर रहे हो। वह आयुक्त तुम्हारे शरण में आ गया, क्या इसलिए पवित्र हो गया? बीते दो सालों से मनपा में प्रशासनिक घोटाले शुरू हैं। पहले उसकी जांच करो। तुमने जो पीएम केयर फंड जमा किया है, हिम्मत है तो उसकी भी जांच करो। लाखों, करोड़ों रुपए जमा किए, उसका पहले हिसाब दो और उसके बाद ही मेरे मुंबई मनपा की जांच करो। इस तरह की चुनौती भी उद्धव ठाकरे ने दी।
यहां नैपकिन वालों का नैपकिन ही निचोड़ डालूंगा
उद्धव ठाकरे ने गद्दार विधायक भरत गोगावले की जमकर खबर ली। उन्होंने कहा कि रायगढ़ की भूमि संतों और वीरों की है। उस भूमि में भगवा को एक तरफ रखकर नैपकिन लहराने वाले बहुत हो गए हैं। वे मंत्री तो हुए ही नहीं, बल्कि सपने में पालकमंत्री भी नहीं बने। सिलाई गई नई जैकेट पुरानी हो गई। मुझे पता चला है कि यह नैपकिन वाला यहां के उद्योगपतियों को भी धमकी दे रहा है, उनका शोषण कर रहा है। मेरी सरकार आने दो फिर देखता हूं उसका क्या करना है। उसका नैपकिन ही निचोड़ दूंगा। उद्धव ठाकरे के इतना कहते ही भीड़ से गद्दार…गद्दार… उसे पटखनी देंगे, इस तरह के जोरदार नारों से समूचा क्षेत्र गूंज उठा।

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