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नासिक में शिवसेना की जोरदार संकल्प सभा … ढोंगी भाजपा के हिंदुत्व में लगी फफूंदी! … नासिक की संकल्प सभा में जमकर बरसे उद्धव ठाकरे

सामना संवाददाता / मुंबई
हिंदुत्व के नाम पर भाजपा का दोगलापन जनता के सामने आ गया है। एक तरफ हिंदुत्व की बात करती है, दूसरी तरफ सौगात-ए-मोदी किट बांटी जा रही है। ऐसी ढोंगी भाजपा हमें हिंदुत्व न सिखाए, भाजपा के हिंदुत्व में अब फफूंदी लग गई है। ऐसा जोरदार हमला शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र की मोदी सरकार और भाजपा पर बोला। नासिक में ‘संकल्प सभा’ में बोलते हुए उद्धव ठाकरे ने भाजपा नेता व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि कुछ दिनों पहले रायगढ़ पर अमित शाह ने छत्रपति शिवाजी महाराज को लेकर विचित्र उल्लेख किया।
अमित शाह को अधूरी जानकारी
उद्धव ठाकरे ने कहा कि चार दिन पहले अमित शाह रायगढ़ आए और उन्होंने एकतरफा उल्लेख करते हुए कहा कि शिवाजी महाराज को महाराष्ट्र तक सीमित न रखें, लेकिन जब शिवाजी महाराज ने सूरत लूटा था, तब उसकी खबर लंदन गैजेट में छपी थी। इसलिए अमित शाह हमें शिवराय के बारे में न बताएं।
चुप बैठे थे फडणवीस
जो लोग शिवाजी महाराज का अपमान करते हैं, उन्हें नहीं छोड़ने वाले देवेंद्र फडणवीस इस पर चुप बैठे थे। उन्होंने कहा कि अगर भाजपा को छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में इतना ही लगता है, तो उन्हें शिवजयंती पर पूरे देश में सार्वजनिक अवकाश घोषित करना चाहिए।
छत्रपति शिवाजी महाराज का किया अपमान
अमित शाह हमें छत्रपति शिवाजी महाराज के बारे में न सिखाएं। उन्होंने महाराज का अपमान किया और आश्चर्य है कि उस समय सीएम देवेंद्र फडणवीस वहीं मौन बैठे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्ता न होने पर जो साथ देते हैं, वही निष्ठावान होते हैं। शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे ने मेरे पीछे पुण्याई खड़ी की थी इसलिए मुझे सत्ता की जरूरत नहीं है।

अरब सागर में
शिव स्मारक कब बनेगा?
उद्धव ठाकरे का भाजपा सरकार से सीधा सवाल

नासिक की संकल्प सभा में शिवसेनापक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे ने केंद्र व राज्य की भाजपा सरकार से अरब सागर में शिव स्मारक के निर्माण पर सीधा सवाल पूछा। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी आए और उन्होंने समुद्र में भूमि पूजन किया। उस समय देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री थे इसलिए हमें भी लगा कि स्मारक बनेगा। शिवाजी महाराज से बड़ा कोई नहीं हो सकता। उदयनराजे ने कहा कि राजभवन में शिवाजी महाराज का स्मारक बनवाओ। छत्रपति शिवाजी महाराज का भव्य स्मारक बनवाओ। उनका मैं समर्थन करता हूं। राजभवन में छत्रपति शिवाजी महाराज का स्मारक बनवाया जाना चाहिए और राज्यपाल के लिए कहीं और भवन बनाया जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जो भाजपा शिवसेना पर हिंदुत्व छोड़ने का आरोप लगाती है, उसी ने बिहार में ‘सौगात-ए-मोदी’ के तहत ३२ लाख मुसलमानों को उपहार बांटे। तब तुम्हारा हिंदुत्व कहां गया? यानी महाराष्ट्र में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ और बिहार में ‘बांटेंगे तो जीतेंगे, यही इनकी नीति है। मैंने मुख्यमंत्री रहते हुए किसी के साथ भेदभाव नहीं किया। मेरे कामों की वजह से मुस्लिम समुदाय मेरे साथ आया और ये घबरा गए।

फेक नैरेटिव वाली पार्टी
भाजपा ‘फेक नैरेटिव वाली पार्टी’ है। वे सत्ता के लिए बिहार में नीतीश कुमार, आंध्र में चंद्रबाबू के साथ गठबंधन करते हैं और हमें कहते हैं कि हिंदुत्व छोड़ा है। हमने भाजपा को छोड़ा है, हिंदुत्व को नहीं। उद्धव ठाकरे ने कहा कि हिंदुत्व महाराष्ट्र का धर्म है। हम ‘जय श्रीराम’ बोलेंगे, लेकिन आपको ‘जय शिवराय’ बोलना होगा। उन्होंने वक्फ बोर्ड विधेयक के विरोध पर बोलते हुए कहा कि हमने वक्फ बोर्ड विधेयक का विरोध किया, क्योंकि इसका हिंदुओं से कोई लेना-देना नहीं था। तमिलनाडु की अन्ना द्रमुक ने भी इसका विरोध किया, लेकिन दो दिन में अमित शाह वहां गए और उनसे गठबंधन कर लिया, क्योंकि स्टालिन उनके लिए मुसीबत बन बैठा है। उन्होंने कहा कि भाजपा का दोगलापन यह है कि भाजपा वाले चंद्रबाबू, नीतीश कुमार, महबूबा मुफ्ती के साथ बैठे हैं। इनके हिंदुत्व में काई लग गई है। खेत में बैल टेढ़ा नहीं होता, सीधा जाता है। हमने पाकिस्तान जाकर नवाज शरीफ के जन्मदिन पर केक नहीं काटे थे।

‘गर्व से कहें, हम यहीं हैं!’
शिवसेना नेता अरविंद सावंत ने बताया कि उनके गिरगांव में मराठी लोगों के अधिकारों के लिए लड़ने वाले शिवसेनाप्रमुख के प्रज्वलित विचारों का गहरा प्रभाव था। जब वे ११वीं में पढ़ रहे थे, तब अभ्युदय नगर में शिवसेनाप्रमुख का भाषण सुनकर उनका उत्साह शीर्ष पर पहुंच गया। उस समय स्कूल से छुट्टी के बाद जब वे अध्ययन कर रहे थे और नीचे कांग्रेस की सभा चल रही थी, उसी दौरान ‘शिवसेना जिंदाबाद’ के उद्घोष सुनकर उनकी भावना और प्रफुल्लित हो उठी थी। हालांकि, अगली सुबह प्रधानाचार्य ने कड़ी डांट सुनाई। लेकिन वे रुके नहीं, बाद में सीमावाद आंदोलन सहित कई आंदोलनों में उन्होंने पुलिस की लाठियां खाई।
‘दृढ़ता से लड़ना ही हमारा कर्तव्य’
कठोर शिवसैनिक के सवाल पर शिवसेना नेता चंद्रकांत खैरे ने अपनी यादों को ताजा करते हुए बताया कि सातवीं-आठवीं कक्षा में ही, एक मार्मिक अनुभव के कारण उनमें शिवसैनिक की भावना विकसित हो गई थी। अखबारों से शिवसेनाप्रमुख के विचार पढ़कर भी वे अभिभूत हो गए थे। सन १९७८ में जब वे गिरगांव में प्रचार के लिए आए थे, तब शिवसेनाप्रमुख के भाषणों ने उनमें गहरा प्रभाव छोड़ा था।
‘शिवसैनिक आज भी जमीन
पर ही राज कर रहा है!’
जिस ठाणे में शिवसेना की स्थापना हुई, वहीं पर गद्दारी भी हुई, फिर भी असली ठाणेकर, निष्ठावान राजन विचारे आज भी शिवसेना की मशाल लेकर आगे बढ़ रहे हैं, दबाव झेलने के बाद भी अटल बने हुए हैं। प्रेरणा कहां से मिलती है, के जवाब पर विचारे ने उत्तर दिया कि जो लोग चले गए, वे लाभार्थी थे। कुछ लोग दूसरे नंबर के धंधे और अन्य कारणों से भाग गए। हम शिवसेनाप्रमुख बालासाहेब ठाकरे, पक्षप्रमुख उद्धव ठाकरे, आनंद दिघे के कारण ही बने हैं। शाखाप्रमुख से लेकर सांसद तक का यह सफर सिर्फ ‘शिवसेना’ इन चार अक्षरों की वजह से ही संभव हुआ है।

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