सामना संवाददाता / जम्मू
कटरा में रोपवे परियोजना को लेकर घमासान व हड़ताल जारी है। इससे यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को असुविधाएं हो रही हैं। इस बात को गंभीरता से लेते हुए शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) जम्मू-कश्मीर ईकाई ने श्राइन बोर्ड से रोपवे परियोजना की जिद्द छोड़ने या इसे पारंपरिक मार्ग पर चरण पादुका मंदिर के बाद, पहला पड़ाव अर्धकुंवारी के तहत अंजाम देने को लेकर आम सहमति बनाने का सुझाव दिया है।
पार्टी प्रदेश मध्यवर्ती कार्यालय में प्रदेश इकाईप्रमुख मनीष साहनी ने कहा कि ताराकोट मार्ग पर रोपवे परियोजना की सुविधा से यात्रा का पौराणिक स्वरूप तहस-नहस होगा। श्रद्धालुओं की यात्रा आधी-अधूरी रह जाएगी और जाने-अंजाने में श्राइन बोर्ड पाप का भागीदार बनेगा। श्रद्धालुओं को पवित्र बाणगंगा, चरण पादुका, अर्धकुंवारी आदि पवित्र मंदिरों के दर्शनों का सौभाग्य प्राप्त नहीं होगा।
साहनी ने कहा कि अगर श्राइन बोर्ड रोपवे परियोजना की जिद्द छोड़ने को तैयार नहीं है तो इस परियोजना को पारंपरिक मार्ग पर चरण पादुका मंदिर के बाद पहला पड़ाव अर्धकुंवारी के साथ अंजाम देने को लेकर आम सहमति बनाने का सुझाव देते हैं। इससे जहां यात्रा का पौराणिक स्वरूप बरकरार रहेगा, वहीं कटरा के व्यापारियों व अन्य हितकारियों को भी शायद कोई नुकसान नहीं होगा।
साहनी ने कहा कि अपने इस सुझाव को जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल माननीय मनोज सिन्हा, चेयरमैन श्राइन बोर्ड के समक्ष रखने के लिए समय देने का लिखित निवेदन भेजा गया है। साहनी ने इस मामले में मध्यस्थता की पेशकश भी की है। इसके साथ ही आंदोलन के दौरान गिरफ्तार किए गए संघर्ष समिति के सदस्यों को बिना किसी कानूनी कार्रवाई के रिहा करने की मांग की है। इस अवसर पर विकास बख्शी, संजीव कोहली, बलवंत सिंह, रोहन मलवाल आदि उपस्थित थे।