-शांत बैठी है महायुति सरकार
– मरीज हो रहे बेहाल
सामना संवाददाता / मुंबई
छोटी या बड़ी किसी भी तरह की सर्जरी और सिजेरियन करने से पहले सुन्न करना बहुत जरूरी होता है। इसके लिए एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की नितांत आवश्यकता होती है। हालांकि, महायुति सरकार द्वारा संचालित मुंबई के सबसे बड़े अस्पताल जेजे में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की भारी कमी है। आरोप लगाए जा रहे हैं कि महायुति सरकार के शांत बैठे रहने और अस्पताल प्रशासन की अनदेखी के चलते इन पदों को भरा नहीं जा रहा है, जिस कारण मरीजों की सर्जरी करने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। इस समस्या से खुद मरीज भी बेहाल हो चुके हैं।
उल्लेखनीय है कि जेजे अस्पताल में राज्य भर से मरीज इलाज के लिए आते हैं। इस अस्पताल में सर्जरी, ऑर्थोपेडिक, मेडिसिन, श्वसन और एनेस्थेसिया विभाग प्रख्यात है। हालांकि, तत्कालीन घाती सरकार के अस्तित्व में आने के बाद से ही अस्पताल में एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की संख्या कम हो गई थी, जो आज तक बरकरार हक्। विभाग में प्रोफेसरों के तीन पदों में से एक रिक्त चल रहा है। इसी तरह से एसोसिएट प्रोफेसरों के मंजूर कुल छह पदों में से तीन जगह रिक्त हैं। लेक्चरर के भी १३ मंजूर पदों में से ११ रिक्त हैं। वरिष्ठ रेजीडेंट चिकित्सकों के १५ पदों में से तीन खाली पड़े हुए हैं। इस तरह से विभाग में करीब कुल १८ चिकित्सकों के पद खाली पड़े हुए हैं, जिन्हें भरने में न तो अस्पताल प्रशासन और न ही सरकार की कोई रूचि दिखाई दे रही है। इसका सीधा असर मरीजों के इलाज पर पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक स्थिति ऐसी है कि मरीजों को सर्जरी के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है।
जीटी और सेंट जॉर्ज में भी देनी होती है सेवा
सूत्रों के मुताबिक जेजे अस्पताल में सेवारत एनेस्थेसियोलॉजिस्टों को यहीं ही नहीं, बल्कि जीटी और सेंट जॉर्ज अस्पताल में भी सेवाएं देनी होती है। अस्पताल के एक चिकित्क ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि इस वजह से जेजे अस्पताल के डॉक्टरों को सर्जरी करते समय एनेस्थिसिया के अभाव में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
पिछले महीने एक एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की हुई मौत
जेजे अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर संतोष गीते का दिसंबर महीने में बीमारी के चलते निधन हो गया। इसलिए अस्पताल में एक और एनेस्थेसियोलॉजिस्ट की कमी हो गई है।