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लोकसभा चुनाव में करारी हार का साइड इफेक्ट … भाजपा में मचा घमासान …अब संघ ने संभाली कमान

– बुलाई बड़ी बैठक
– योगी, केशव रहेंगे मौजूद

सामना संवाददाता / लखनऊ
लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद से ही यूपी में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के भीतर घमासान मचा हुआ है। सीएम योगी आदित्यनाथ और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के बीच सब कुछ ठीक न होने की सियासी गलियारों में चर्चा है, वहीं इन्हीं सबके बीच केशव मौर्य ने दिल्ली पहुंचकर पार्टी मुखिया जेपी नड्डा से भी मुलाकात की है। मगर इसके बावजूद भी भाजपा के अंदर उथल-पुथल मची हुई है। इन्हीं सबके बीच अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने मोर्चा संभाल लिया है। बता दें कि आरएसएस के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार दो दिन के लखनऊ दौरे पर रहेंगे।
इस बीच मुख्यमंत्री योगी को कल वाराणसी जाना था, लेकिन वो नहीं गए। केशव मौर्य का प्रयागराज का दौरा रद्द कर दिया गया है। मौजूदा स्थिति में बीजेपी के लिए यह बैठक अहम मानी जा रही है। जानकारी मिली है कि अरुण कुमार के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, यूपी बीजेपी अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी और संगठन महामंत्री धर्मपाल सिंह के साथ समन्वय बैठक होगी।
डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी हाल ही में दिल्ली गए थे। इस दौरान जेपी नड्डा से लेकर पीएम नरेंद्र मोदी तक से मुलाकात हुई थी। खास तौर पर यूपी में १० विधानसभा सीटों पर उपचुनाव से पहले इन चर्चाओं ने चिंताएं बढ़ा दी हैं। इस बीच सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रâंटफुट पर खेलने के संकेत दिए हैं और उपचुनाव की तैयारियों की कमान संभाल ली है। गाजियाबाद, कुंदरकी, मिल्कीपुर समेत कई चर्चित सीटों पर उपचुनाव होना है। ऐसे में भाजपा चाहती है कि इन सीटों पर अच्छे प्रदर्शन से लोकसभा चुनाव की हार को पीछे छोड़ा जाए।
उधर, सीएम योगी पहले ही सरकार और संगठन के पेच कसना चाहते हैं। ऐसा इसलिए कि मंत्री अपने इलाकों में जिम्मेदारी संभाल लें और संगठन भी सक्रिय हो जाए, ताकि चुनाव के एलान के वक्त दबाव न रहे। सीएम योगी ने हाल ही में सभी १० विधानसभा सीटों से जुड़े लोगों की मीटिंग भी बुलाई थी और प्रभारी तय किए गए थे। बुधवार को इस बारे में मीटिंग हुई थी, जिसमें डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक नहीं पहुंचे थे। दोनों नेता दिल्ली में थे। इसकी चर्चाएं भी खूब रहीं, लेकिन योगी आदित्यनाथ ने चुप्पी साध रखी है और मिशन-१० पर जुट गए हैं। कयास इसलिए भी बढ़े थे क्योंकि भाजपा के संगठन के भी कई सीनियर नेता मौजूद नहीं थे। यूपी में खराब नतीजों का सीधा असर सीएम योगी की छवि पर भी पड़ सकता है इसलिए वह काफी सक्रिय हैं और चाहते हैं कि लोकसभा चुनाव वाली हार की निराशा दूर की जाए।

अयोध्या सीट ने बढ़ाई चिंता
योगी आदित्यनाथ ने मंत्रियों की मीटिंग तब बुलाई, जब डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने एक दिन पहले ही कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। यही नहीं, इसके बाद उन्होंने सोशल मीडिया पर भी ऐसी ही पोस्ट शेयर की थी। खबर है कि योगी आदित्यनाथ की मीटिंग में सबसे ज्यादा चर्चा मिल्कीपुर विधानसभा की रही। इस सीट से अवधेश प्रसाद विधायक थे, जो अब पैâजाबाद के सांसद हैं। अयोध्या वाली सीट से उनकी जीत ने भाजपा खेमे में चिंताएं बढ़ाई हैं। अब योगी चाहते हैं कि मिल्कीपुर में जीत से हालात बदले जाएं।

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