-झूलेलाल मंदिर में हुए विविध धार्मिक अनुष्ठान, निकली भव्य शोभायात्रा
सामना संवाददाता / वाराणसी
मिनी भारत के स्वरूप में विख्यात काशी में सभी भाषा, धर्म व समुदाय के लोग रहते हैं। यहां सिंधी समाज की भी बहुत बड़ी आबादी है। बुधवार को चैत्र नवरात्रि के दूसरे दिन सिंधी समाज के लोगों ने पूरी श्रद्धा-भाव के साथ अपने ईष्ट देव झूलेलाल जी जयंती मनाई। पूज्य सिन्धी सेन्ट्रल पंचायत के तत्वाधान में मेला कमेटी द्वारा इष्ट देव झूलेलाल जयंती समारोह का हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी धूमधाम से मनाया गया।
इस वर्ष 10 अप्रैल बुधवार को दोहरी खुशी के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम के तहत सर्व प्रथम सुबह सिंधी युवा समिति द्वारा सोनिया स्थित अमर नगर कॉलोनी से प्रभात फेरी निकल कर सिंधी कॉलोनियों से होते हुए लक्सा स्थित झूलेलाल मंदिर में पहुंच कर संपन्न हुई। इसमें सैकड़ों की संख्या में महिला-पुरुष व बच्चे सम्मालित थे, जो भजन-कीर्तन करते हुए चल रहे थे, साथ ही इस्माइल परिवार द्वारा वाहन जुलूस भी नगर भ्रमण करते हुए मुख्य मंदिर पर पहुंचा। इसके उपरांत महाआरती के सामूहिक जनेऊ संस्कार का कार्यक्रम आयोजित हुआ। सिंधी भाषा दिवस के अवसर पर मंदिर के प्रांगण में गोष्ठी आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता सेंट्रल पंचायत के अध्यक्ष ओ पी बदलानी ने किया। मुख्य वक्ता के तौर पर रमेश लालवानी, ब्रह्मानंद पेशवानी ने विचार व्यक्त किए तथा वक्ता के रूप में अशोक तलरेजा, हेमंत तलरेजा, कमलेश छुगानी ने भी विचार व्यक्त किया। संचालन महामंत्री हीरानंद लखमानी ने किया।
इसके उपरांत आम भंडारे का आयोजित हुआ। जायंती के दौरान नगर विभिन्न पंचायतों द्वारा अपने-अपने कॉलोनी व क्षेत्रों में भजन-कीर्तन के साथ भंडारे की व्यवस्था की गई थी। शाम को लक्सा स्थित झूलेलाल मंदिर से महाआरती के बाद बहराने की पूजा समाज की महिलाओं ने किया व पल्लव के बाद शोभायात्रा का आरम्भ हुई, जिसमें भव्य झूलेलाल की प्रतिमा व बहराना लेकर सेंट्रल पंचायत की वाहन निकली। इसके पीछे विभिन्न पंचायतों की अपने-अपने क्षेत्रों से निकल कर झांकी लक्सा पहुंची, वहीं से एकत्र होकर सभी दशाश्वमेध घाट के लिए प्रस्थान किया। इसमें प्रमुख रूप से अमर नगर पंचायत, अशोक नगर पंचायत, पाण्डेय पुर पंचायत, अर्दली बजार पंचायत, सिंधु नगर पंचायत, रानीपुर पंचायत, राजघाट पंचायत की झाकी शामिल रही। तामाम सामाजिक संदेशों की झांकी के साथ ही इस बार अयोध्या में बने प्रभु श्रीराम मंदिर की झांकी शामिल रही। इस अवसर जगह-जगह प्रसाद वितरण के स्टाल भी लगाए गए थे, साथ ही पूरे इस क्षेत्र को विद्युत झालरों से सजाया गया था।