मनोज श्रीवास्तव / लखनऊ
बिना बंटी के टप्पेबाजी करने वाली महिलाओं का गिरोह “बबली गैंग” से पुलिस और पीड़ित दोनों परेशान थे। एसजीपीजीआई में आने-जाने वाले, मरीजों, उनके तीमारदारों से चेन स्केचिंग, पाकेटमारी, चोरी कर तबाह करने वाली टप्पेबाज बबली गैंग पुलिस के हत्थे पड़ गयी। सोमवार को पीजीआई क्षेत्र के वृंदावन में आवास विकास बस अड्डे से पकड़ा गया। प्रदेश के कई जनपदों में सक्रिय यह गैंग अन्तर जनपदीय टप्पेबाज महिलाओं का समूह है। कुछ दिनों तक एक शहर के प्रमुख अस्पतालों, बस अड्डों, रेलवे स्टेशन, बाजार और भीड़-भाड़ वाले स्थानों को निशाने पर लेती हैं। इस गिरोह की खास बात यह है कि इसके सभी सदस्य महिला हैं और वह अलग-अलग जिलों की निवासी हैं। इस बार इस गिरोह ने पीजीआई कर्मचारी की पत्नी को निशाना बनाया तो अस्पताल प्रशासन भी दहल गया। आरोपी महिलाएं गिरोह बनाकर टप्पेबाजी की घटनाओं को अंजाम देती थीं। बीते सोमवार को इनके खिलाफ तेलीबाग निवासी राजकुमार यादव ने एफआईआर दर्ज कराई थी। इनके पास से महिला से उड़ाई गई चेन बेचकर 52 हजार रुपए बरामद हुए हैं।
इंस्पेक्टर पीजीआई बृजेश चंद्र तिवारी के मुताबिक गिरफ्तार आरोपी गोरखपुर के कौड़ीराम निवासी महिमा, आजमगढ़ के मउकुत्तुपुर निवासी अनीता, गोरखपुर के कुटिया निवासी टोनी, गोरखपुर के लखनपरा निवासी काजल और झांसी की ज्ञानती हैं। इंस्पेक्टर ने बताया कि बीते 10 जून को पीजीआई अस्पताल में तैनात कर्मी राजकुमार यादव की पत्नी वंदना अस्पताल में इलाज कराने आई थी। दोपहर में वह घर जाने के लिए पीजीआई के गेट नंबर दो से ऑटो में बैठी थीं। तभी रास्ते आरोपी महिलाएं ऑटो में सवार हुई थीं। आरोपियों ने वंदना से बैठने को लेकर धक्का मुक्की की थी। इसके बाद सभी ऑटो से उतर गई थीं। संदेह होने पर जब वंदना ने अपने गले पर हाथ फेरा तो उन्हें अपने साथ हुई टप्पेबाजी का पता चला।
सीसीटीवी की फुटेज से पुलिस के हत्थे चढ़ा गिरोह
इंस्पेक्टर पीजीआई के मुताबिक पीड़ित की तहरीर पर एफआईआर दर्ज कर पुलिस जांच में जुट गई थी। पुलिस टीम ने घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरा की मदद से आरोपी महिलाओं को गिरफ्तार किया।