सगीर अंसारी
सच्ची लगन और मेहनत से यदि कोई कार्य किया जाए तो भाग्य निश्चित ही साथ देता है। अपनी अथक मेहनत और लगन से समाजसेवा करनेवाले शोएब फारूक मनिहार गुजरात के अमदाबाद के रहनेवाले हैं। शोएब मनिहार के दादा मोहम्मद शरीफ मनिहार मुंबई आए और यहीं बस गए। शोएब मनिहार के पिता मोहम्मद फारूक का जन्म मुंबई में हुआ। काफी जद्दोजहद कर अपना मुकाम बनानेवाले मोहम्मद फारूक विवाहोपरांत तीन बच्चों के पिता बने, जिनमें शोएब मनिहार सबसे बड़े हैं। पुरुषोत्तम हाई स्कूल से दसवीं पास करने के बाद चेतना कॉलेज से १२वीं की पढ़ाई पूरी करनेवाले शोएब ने अपने पिता फारूक मनिहार के बिजनेस को आगे बढ़ाते हुए अपनी कड़ी मेहनत से कुछ ही दिनों में एक मकाम पर पहुंचा दिया। स्लम इलाके भारत नगर क्षेत्र में सुविधाओं के आभाव को देखते हुए शोएब मनिहार के मन में समाज सेवा की ललक पैदा हुई। पहले तो वे लोगों की छोटी-मोटी शिकायतों को लेकर संबंधित अधिकारियों से संपर्क करते थे, लेकिन धीरे-धीरे ये काम करना उनका शगल बन गया। उनके जज्बे को देखते हुए कई स्थानीय युवक उनके साथ जुड़ गए। इसके बाद शोएब मनिहार ने एक गैर सरकारी संस्था ‘मुंबईकर फाउंडेशन’ का गठन किया और इसके बैनर तले अपने सामाजिक कार्यों की उन्होंने शुरुआत की। शोएब मनिहार की ‘मुंबईकर फाउंडेशन’ के प्रति मेहनत और लगन को देखते हुए भारत नगर के अलावा मुंबई के अलग-अलग हिस्सों के नवयुवक आकर्षित हुए और उनके साथ जुड़ने लगे। कुछ ही समय में ‘मुंबईकर फाउंडेशन’ की दर्जनों शाखाएं खुल गर्इं। कोविड के दौरान अपनी जिंदगी को दांव पर लगाते हुए शोएब मनिहार अपने साथियों के साथ लोगों की मदद के लिए तत्पर रहे। कोविड के दौरान फुटपाथ पर रहनेवालों और प्रवासी मजदूरों के लिए नाश्ते के साथ उनके खाने का इंतजाम करने के साथ ही फेस शिल्ड मास्क व इम्युनिटी बूस्टर बढ़ाने के लिए इस्तेमाल होनेवाली दवा उन्होंने लोगों तक पहुंचाई। पूरे लॉकडाउन के दौरान सड़क पर घूमनेवाले पशुओं को आहार देनेवाले शोएब मनिहार का कहना है कि आनेवाले दिनों में लोगों की समस्याओं का जल्द हल निकालने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर की शुरुआत करने की वो तैयारी कर रहे हैं। साथ ही भारत नगर क्षेत्र में रहनेवाले लोगों की सुविधा के लिए जल्द ही मुंबईकर हेल्प सेंटर के शुरुआत की तैयारी कर रहे हैं, जहां पर कम से कम कीमत में लोगों का इलाज और सभी तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध होंगी।