सगीर अंसारी
देश के कोने-कोने से आंखों में कुछ बनने का ख्वाब संजोए लोग मुंबई आते हैं। कुछ इसी तरह का ख्वाब आंखों में संजोए एक नौजवान एक ऐसे क्षेत्र में उभरकर सामने आया, जहां दो वक्त की रोटी के लिए भी लोग जद्दोजहद करते नजर आते हैं। ‘पढ़ेगा गोवंडी तो बढ़ेगा गोवंडी’ का नारा देनेवाले जमीर कुरैशी हर उस बच्चे तक जाने की कोशिश करते हैं, जो हालात से मजबूर होकर या तो अपनी शिक्षा को छोड़ चुका है या फिर छोड़ने की सोच रहा है। महाराष्ट्र के अमरावती जिले से ताल्लुक रखनेवाले जमीर कुरैशी उर्फ जम्बो भाई किसी परिचय का मोहताज नहीं हैं। जमीर कुरैशी बताते हैं कि पढ़ाई के दौरान स्कूल में उन्होंने अपने सहपाठियों सहित ऐसे बच्चों को देखा जो होनहार होने के बावजूद अपनी शिक्षा को छोड़कर सिर्फ इसलिए मजदूरी के काम में लग गए, क्योंकि उनके घर की आर्थिक स्थिति ठीक न होने के कारण उनकी आगे की पढ़ाई नामुमिकन थी। जमीर कुरैशी बताते हैं कि इसके लिए उन्हें उनके पिता का भी सहयोग मिला, परंतु इतने बड़े क्षेत्र में उनके द्वारा उठाए गए इस बीड़े को पार लगा पाना बेहद मुश्किल कार्य था। अत: उन्होंने समाजवादी पार्टी ज्वॉइन की, जहां उन्हें पार्टी के मुंबई अध्यक्ष व विधायक अबू हाशिम आजमी व तत्कालीन नगरसेवक रईस शेख, जो मौजूदा समय में भिवंडी से सपा विधायक हैं, का साथ मिला। उनके दोस्त व सहयोगी भी उनके इस मिशन में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़े रहे। इसके बाद गैर सरकारी संस्था ‘जे पावर ग्रुप’ का गठन हुआ, जिसके माध्यम से वे गोवंडी व आसपास के क्षेत्रों में छात्र-छात्राओं को अपनी तालीम को मुकम्मल करने के लिए प्रोत्साहित करने लगे। इसके लिए उनकी हर मुमकिन मदद करने के साथ ही वे जनता की समस्याओं को भी सुलझाने का प्रयास कर रहे हैं। आज देशभर में ऐसी कई संस्थाएं हैं जो शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए काम कर रही हैं, लेकिन ‘जे पावर ग्रुप’ ने विद्यार्थियों को नकद इनाम देकर इसे एक प्रतियोगिता बना दिया। जमीर कुरैशी बताते हैं कि आज देशभर में अलग-अलग विषयों पर ऐसी कई प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, जिसमें बच्चे और नवयुवक अपना हुनर दिखाते हुए इसमें जीत की हर मुमकिन कोशिश करते हैं, लेकिन हम इससे विपरीत ऐसी प्रतियोगिता का आयोजन कर रहे हैं, जिससे छात्र व छात्राओं का झुकाव शिक्षा की ओर हो। इस प्रतियोगिता में अच्छे प्रतिशत से पास होनेवाले छात्र व छात्राओं को नकद पुरस्कार के साथ उनकी आगे की पढ़ाई का जिम्मा भी हम उठाते हैं और इसका असर आज यह है कि इस प्रतियोगिता को जीतने के लिए छात्र व छात्राएं जी-तोड़ मेहनत कर रहे हैं। जमीर कुरैशी के समर्थकों का दावा है कि जमीर कुरैशी अभी तक १०० से ज्यादा गरीब बच्चियों की शादी करवाने में सहभागी रहे हैं। इसके अलावा सैकड़ों युवाओं को रोजगार दिलवाने में उनकी मदद की। इसके साथ ही सैकड़ों गरीब व बेसहारा लोगों को अनाज से लेकर मूलभूत सुविधाओं के लिए मदद करते हैं। जमीर कुरैशी का कहना है कि वे जब तक जिएंगे लोगों की सेवा करते रहेंगे।