प्रेम यादव
एक आध्यात्मिक और विद्वान परिवार में जन्मे ज्योतिषाचार्य प्रमिल चतुर्वेदी भारतीय वैदिक ज्योतिष के गहन अध्येता और शोधकर्ता हैं। अपनी प्रारंभिक शिक्षा पूरी करने के बाद उन्होंने १९९३ में अमरावती विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र से बीटेक किया। इसके बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय से बीए और कानपुर विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में परास्नातक (पीजी) की डिग्री प्राप्त की। ज्योतिष आचार्य/ज्योतिष विशारद की ज्योतिषीय डिग्री उपाधि के साथ ज्योतिष प्रवीण, हस्त रेखा, वास्तु शास्त्र, अंक गणितीय विश्लेषण, रत्न शास्त्र में ज्योतिषीय डिप्लोमा प्राप्त किया है। इनके जीवन का मुख्य उद्देश्य ज्योतिषीय ज्ञान के माध्यम से लोगों की समस्याओं का समाधान करना और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव लाना है। पिछले २३ वर्षों से प्रमिल चतुर्वेदी वैदिक ज्योतिष के क्षेत्र में सक्रिय हैं। उनका मानना है कि मनुष्य इस संसार में अपने कर्मों का फल भोगने और जीवन में सुकर्म करने के लिए जन्म लेता है। उनके अनुसार, जन्म कुंडली एक ‘काल पुरुष’ के रूप में कार्य करती है, जो मनुष्य के जीवन के उद्देश्य और उसके कर्मों का ब्यौरा प्रस्तुत करती है। प्रमिल चतुर्वेदी नौ ग्रहों, २७ नक्षत्रों और १२ राशियों के गणितीय योग से जातक की कुंडली का विश्लेषण करते हैं और तंत्र, मंत्र, यंत्र के माध्यम से समाधान प्रस्तुत करते हैं। प्रमिल चतुर्वेदी ने प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ के दौरान २०१२-१३ और २०१९-२० में ‘ज्योतिष महाकुंभ’ का सफल आयोजन किया, जिसमें हजारों लोगों ने भाग लिया। ‘ऑल इंडिया काउंसिल ऑफ एस्ट्रोलॉजिकल साइंस’ (चेन्नई) के आजीवन सदस्य प्रमिल चतुर्वेदी प्रयागराज स्थित ‘भारतीय विद्या भवन संस्था’ के माध्यम से वैदिक ज्योतिष की शिक्षा प्रदान करते हैं। इनके यूट्यूब चैनल ‘एस्ट्रो प्रमिल चतुर्वेदी’ के माध्यम से ये वैदिक ज्योतिष के आधार पर सामाजिक और राजनीतिक विश्लेषण करते हैं, जिससे इनकी लोकप्रियता लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कई ज्योतिषीय सम्मेलनों का संचालन भी किया है और अपनी ज्योतिषीय सेवाओं के लिए समाज में व्यापक रूप से सम्मानित हैं। प्रमिल चतुर्वेदी के ज्योतिषीय समाधान तंत्र, मंत्र और यंत्र की प्रविधियों पर आधारित होते हैं, जो किसी भी जातक की व्यक्तिगत समस्याओं का विश्लेषण कर समाधान प्रस्तुत करते हैं। इन्होंने न केवल लोगों की व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान किया, बल्कि समाज के विभिन्न क्षेत्रों में भी योगदान दिया है। इनका जीवन सेवा, साधना और ज्ञान के आदर्शों पर आधारित है। ज्योतिषाचार्य प्रमिल चतुर्वेदी का मानना है कि जीवन का सार ज्योतिष में निहित है और यही कारण है कि ये वैदिक ज्योतिष को एक साधना के रूप में अपनाते हैं। इनके प्रयासों ने हजारों लोगों को जीवन में दिशा दी है और इनके कार्यों ने इन्हें एक सम्मानित ज्योतिषाचार्य के रूप में स्थापित किया है।