संदीप पांडेय
जीवन में वृक्ष हम सभी के महत्वपूर्ण साथी होते हैं। इन पेड़ों से हमें ऑक्सीजन के साथ तमाम जीवनोपयोगी चीजें मिलती हैं। इसके बावजूद इंसान अपने निजी स्वार्थ के लिए इन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई कर रहा है। वर्तमान समय में इन पेड़ों की कटाई के दुष्परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं। वायु प्रदूषण की वजह से लोगों को तमाम बीमारियां हो रही हैं। इन बीमारियों से बचना है तो हर व्यक्ति को अपने जीवन काल में कम से कम एक पेड़ लगाना चाहिए। ऐसा मानना है ठाणे के मुंब्रा में खैर-ख्वाही नामक फाउंडेशन चलाने वाले मुजाहिद सावकार का। इस फाउंडेशन के माध्यम से सावकार एक साल में लगभग ११७ पेड़ लगा चुके हैं। सावकार इन पौधों के सिर्फ लगाते ही नहीं, बल्कि उनमें पानी डालने के साथ देखरेख की भी जिम्मेदारी निभाते हैं।
मुजाहिद ने बताया कि शुरुआत में इस कार्य में कम लोग जुड़े थे, लेकिन धीरे-धीरे उच्च शिक्षित लोग भी जुड़ते गए। मुजाहिद सावकार आज उन लोगों के लिए एक मिसाल हैं, जो जीवन में कुछ न कर पाने के पीछे समय न मिलने का रोना रोते हैं। मुजाहिद खुद एक कंपनी में जॉब करते हैं। उन्हें शनिवार और रविवार दो दिनों की छुट्टी मिलती है, इन्हीं दो दिनों में वे समाजसेवा का कर्तव्य निभाते हैं।
बता दें कि उनकी समाजसेवा केवल पेड़ लगाने तक ही सिमित नहीं है, बल्कि वे चिकित्सा क्षेत्र में भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाते हैं। मुंब्रा के कौसा में उन्होंने दो चैरिटेबल दवाखाना और लैब भी शुरू किए हैं। जहां मरीजों को मात्र ३० रुपए में दवा दी जाती है। सबसे बड़ी बात तो ये है कि अगर किसी के पास ३० रुपए भी न हों तो उसे मुफ्त दवा दी जाती है। इसके अलावा ५ बीमारियों (बीपी, शुगर, हार्ट, किडनी, अस्थमा) की दवाइयां भी मुफ्त में दी जाती हैं। साथ ही मुजाहिद खैर-ख्वाही फाउंडेशन की ओर से समाज के हीरोज (पत्रकारों, समाजसेवकों, शिक्षकों, मौलानाओं, बुद्धिजीविओं) को सम्मानित भी करते हैं।