मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : निस्वार्थ सेवाभाव ने बनाया समाज में विशिष्ट

समाज के सिपाही : निस्वार्थ सेवाभाव ने बनाया समाज में विशिष्ट

पी. कुमार

मनीष यादव का जीवन संघर्ष और समाजसेवा की एक प्रेरणादायक कहानी है। मनीष का जन्म मुंबई स्थित गोरेगांव में हुआ, लेकिन परिस्थितियों के चलते उनकी मां मनीष और उनके भाई-बहनों को लेकर आजमगढ़ जिले के धरहरा गांव में रहने लगीं। बाद में उनकी मां छोटे भाई को लेकर मुंबई आ गर्इं। मनीष और उनकी बड़ी बहन की प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत गांव में हुई। स्कूल दूर होने के कारण मनीष को पैदल लंबा सफर तय करना पड़ता था, जबकि अन्य बच्चे साइकिल से स्कूल जाते थे। संघर्ष के दिनों में मनोज कनौजिया और मुद्रिका राजभर जैसे मित्रों ने उन्हें सहयोग किया। छोटी-बड़ी जरूरतों के समय मनीष की मदद के लिए मनोज कनौजिया हमेशा तैयार रहते। मनीष ने १०वीं तक पढ़ाई जैसे-तैसे पूरी की क्योंकि पढ़ाई में उनका मन नहीं लगता था। कुछ समय बाद मनीष मुंबई आ गए और पिताजी के स्टील कारखाने में काम शुरू किया। शुरुआत में मजदूरी करते हुए उन्होंने कारीगर के रूप में कार्य सीखा और व्यापार की बारीकियों में महारथ हासिल कर ली। मुंबई की कंपनी में काम करनेवाले मित्र बाबूराम चौधरी ने उन्हें काफी सहयोग किया। २०१७ में पिता ने मनीष को व्यापार का पूरा दायित्व सौंप दिया। इसके बाद उन्होंने अपने व्यापार को न केवल संभाला, बल्कि उसे विस्तारित किया। मनीष ने एक कंपनी से दो कंपनियां बनार्इं और व्यापार को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाया। आज मनीष एक संपन्न व्यवसायी और समाजसेवी के रूप में प्रतिष्ठित हैं, जो अपने परिवार के साथ मुंबई में रहते हैं। बेटा अंश स्कूल में पढ़ता है, जबकि बेटी इशिता कॉलेज में पढ़ाई कर रही है और पत्नी एक कुशल गृहिणी है। समाजसेवा में सक्रिय मनीष यादव अपने सामाजिक कार्यों को अक्सर गुप्त रूप से करते हैं, ताकि सहायता प्राप्त करनेवालों का आत्मसम्मान बना रहे। इन्होंने न केवल अपने रिश्तेदारों की मदद की, बल्कि जरूरतमंदों की सहायता के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। कोरोना महामारी के दौरान जब लोग आर्थिक तंगी का सामना कर रहे थे, तब मनीष ने बढ़-चढ़कर लोगों की मदद की। कई परिवारों को आर्थिक सहायता देते हुए जरूरतमंदों को भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सामान उपलब्ध करवाया। मनीष यादव का जीवन इस बात का उदाहरण है कि संघर्ष से गुजरकर भी कोई व्यक्ति अपने जीवन में सफल हो सकता है और दूसरों की मदद करके समाज में एक सकारात्मक योगदान दे सकता है। इनका यह निस्वार्थ सेवाभाव ही इन्हें समाज के अन्य लोगों से अलग और विशिष्ट बनाता है।

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