मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : व्यवसाय के साथ ही कर रहे हैं समाजसेवा

समाज के सिपाही : व्यवसाय के साथ ही कर रहे हैं समाजसेवा

राधेश्याम सिंह

२१ वर्ष पहले काम की तलाश में राजस्थान से मुंबई आनेवाले राजेश वर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत से नालासोपारा की एक दुकान में हेल्पर का काम करते हुए न केवल काम सीख लिया, बल्कि उनका कहना है कि जो दूसरे के लिए अच्छा करता है, भगवान भी उसका अच्छा करते हैं। जब कोई नेकदिल इंसान सच्चे मन और कड़ी मेहनत से काम करता है, तो भाग्य भी उसका साथ देता है। अपनी मेहनत के बलबूते अपना कारोबार खड़ा करनेवाले राजेश वर्मा अपने काम-काज के साथ ही उर्मिला फाउंडेशन, स्पार्क एजुकेशन ट्रस्ट, मारवाड़ी युवा सेवा संस्था (एनजीओ) के माध्यम से पिछले कई वर्षों से समाजसेवा कर रहे हैं। २००३ में नालासोपारा आकर जीविकोपार्जन के लिए कड़ी मेहनत करनेवाले राजेश वर्मा ने कुछ ही वर्षों बाद अपना खुद का व्यवसाय शुरू कर लिया। अपने व्यवसाय के साथ कई संगठनों से जुड़कर काम शुरू करनेवाले राजेश वर्मा ने उर्मिला फाउंडेशन नामक संस्था में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष के पद पर रहते हुए संस्था के माध्यम से आम लोगों की समस्याओं का निराकरण करना शुरू किया। उर्मिला फाउंडेशन, स्पार्क एजुकेशन ट्रस्ट नामक संस्था के माध्यम से गरीब और जरूरतमंद बच्चों के स्कूलों की फीस भरने के साथ ही उन्हें नोटबुक, कंपास इत्यादि दिया जाता है। उर्मिला फाउंडेशन के माध्यम से गरीब व बेसहारा विधवा महिलाओं को साड़ी देना, जिन वृद्ध महिलाओं का कोई नहीं है, ऐसे जरूरतमंदों को अन्न देकर उनकी सहायता करते हैं। जो बच्चा पढ़ने में अव्वल है, लेकिन आगे की पढ़ाई करने के लिए उसकी आर्थिक स्थिति कमजोर है, उस बच्चे की फीस के साथ ही पढ़ाई से संबंधित खर्च उठाकर होनहार बच्चे की पढ़ाई करवाने में उसकी हर तरह से स्पार्क एजुकेशन ट्रस्ट के माध्यम से राजेश वर्मा मदद करते हैं। संस्था के बैनर तले गणपति में लड्डू बांटना, तुंगारेश्वर मंदिर पर भंडारा करना, समय-समय पर फ्री ब्लड चेकअप कैंप, ब्लड डोनेशन कैंप, फ्री आई चेकअप, फ्री में चश्मा वितरण कैंप, अनाथ बच्चों को समय-समय पर जरूरी सामान देना, ठंड के समय सड़क पर सोने वाले गरीबों को कंबल देना, बुजुर्गों व गरीब बेसहारा लोगों को राशन संस्था की तरफ से दिया जाता है। बहुत ही सरल स्वभाव व मिलनसार व्यक्तित्व वाले राजेश वर्मा की हर जाति व हर धर्म के लोगों के बीच अच्छी पकड़ है। अपनी समस्याएं लेकर जो भी राजेश वर्मा के पास आता है, वे उनकी समस्याओं को सुलझाने की कोशिश करते हैं।

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