मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही :  चाहते हैं समाज एकजुट होकर संगठित रहे

समाज के सिपाही :  चाहते हैं समाज एकजुट होकर संगठित रहे

संदीप पांडेय

उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के मछली शहर तहसील के सेमरहो गांव में जन्मे बृजेश तिवारी ने चौथी तक पढ़ाई मुंबई के मीरा रोड स्थित केतकी पाड़ा से पूरी की। इसके बाद उन्होंने ७वीं से १०वीं तक की पढ़ाई गांव में और ११वीं और १२वीं की पढ़ाई नागरिक इंटर कॉलेज, जंघई से की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और मास्टर्स की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद इन्होंने १९९९ से २००६ तक मुंबई के शक्ति सेवा संघ माध्यमिक विद्यालय में अध्यापन कार्य किया। इस दौरान इन्होंने विद्यालय में अखंड रामायण पाठ की शुरुआत की, जो आज भी सुचारु रूप से चल रहा है।
बचपन से ही रामलीला में हिस्सा लेनेवाले बृजेश तिवारी ने रामलीला में राम और सीता जैसे मुख्य पात्र निभाए। मुंबई के आजाद मैदान, शिवड़ी, नालासोपारा और भायंदर में उन्होंने कई रामलीलाओं का मंचन किया। २००८ में लल्लन तिवारी, मनोज मिश्रा और विद्याधर पांडे के सहयोग से इन्होंने मीरा-भायंदर में रामलीला समिति की स्थापना की, जो आज भी सक्रिय रूप से कार्यरत है और रामलीला का आयोजन करती है। कई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर उन्होंने समाजसेवा के विभिन्न कार्य किए। बृजेश तिवारी ने ‘बंद मुट्ठी’ के सिद्धांत पर समाजसेवा की, जहां बिना किसी प्रचार के उन्होंने लोगों की मदद की। बहुजन विकास आघाड़ी के युवा जिलाध्यक्ष के रूप में उन्होंने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। गांव में आरएसएस से जुड़ने और रामलीला मंचन के कारण इनकी पहचान बढ़ी और यहीं से राजनीति के प्रति इनका रुझान बढ़ने लगा। राजनीति में इन्होंने शुरुआत भाजपा से की, लेकिन उत्तर भारतीयों को उचित सम्मान न मिलने के कारण भाजपा छोड़ दी। इस समय बृजेश तिवारी ने शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) से जुड़कर उपजिलाप्रमुख का पदभार संभाला हुआ है। समाजसेवा के प्रति उनकी निष्ठा और प्रतिबद्धता ने उन्हें राजनीतिक क्षेत्र में मजबूती से स्थापित किया। बृजेश तिवारी के पिताजी और छोटे भाई गांव में रहते हैं। इनके बड़े बेटे ने आर्किटेक्ट की पढ़ाई की है, एक बेटा इंजीनियरिंग कर रहा है और इनकी बेटी की शादी हो चुकी है और पत्नी कुशल गृहिणी हैं। बृजेश तिवारी का मानना है कि समाज को संगठित रहना चाहिए और एकजुट होकर एक मंच पर खड़ा होना चाहिए। वे उत्तर भारतीय समाज को गुमराह करनेवाले भवन निर्माण के नाम पर चल रहे फर्जीवाड़े का विरोध करते हैं और समाज को एकजुट होकर संगठित रहने का संदेश देते हैं। इन्होंने आई राइज डेवलपर और प्रभु डेवलपर के माध्यम से भवन निर्माण के व्यवसाय में भी कदम रखा और इस क्षेत्र में भी अपना योगदान दे रहे हैं।

अन्य समाचार