मुख्यपृष्ठस्तंभसमाज के सिपाही : पिता को प्रेरणास्रोत मान कर रहे हैं लोगों की...

समाज के सिपाही : पिता को प्रेरणास्रोत मान कर रहे हैं लोगों की सेवा

संदीप पांडेय
उत्तर प्रदेश के भदोही जिले के मदनपुर गांव के रहनेवाले माता शंकर पांडेय छोटी उम्र में ही परिवार के भरण-पोषण के लिए मुंबई आ गए थे। मुंबई आने के बाद विभिन्न कठिनाइयों का सामना करनेवाले माता शंकर पांडेय ने हार नहीं मानी और लोगों की सेवा में अपना जीवन समर्पित भाव से लगा दिया। माता शंकर पांडेय के इन्हीं गुणों की झलक उनके पुत्र राजकुमार पांडेय में साफ झलकती है। उर्मिला फाउंडेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार पांडेय द्वारा कई वर्षों से लोगों की सेवा का कार्य किया जा रहा है। जाति और भाषा को दरकिनार कर संस्था सभी धर्मों का सम्मान करते हुए लोगों की सहायता में वर्षों से जुटी है। उर्मिला फाउंडेशन की ओर से कैंसर पीड़ितों को आर्थिक सहायता, चलने-फिरने में असमर्थ वृद्धों को चक्के वाली कुर्सी, बच्चों को कॉपी, किताब, पेंसिल, पेन, स्कूली बस्तों और खाद्य पदार्थ, गरीब तथा आदिवासी महिलाओं को साड़ियां बांटने जैसे कई सराहनीय कार्य संस्था द्वारा किए जा रहे हैं। पिता की समाजसेवा से प्रेरित होकर उर्मिला फाउंडेशन की शुरुआत करनेवाले राजकुमार पांडेय ने बताया कि अपनी मां उर्मिला पांडेय के नाम से उर्मिला फाउंडेशन की शुरुआत कर वे लोक सेवा में जुट गए। यह संस्था महाराष्ट्र के साथ उत्तर प्रदेश में भी सेवा कार्य कर रही है। राजकुमार पांडेय कहते हैं कि आम लोगों की समस्याओं को अपनी समस्या समझकर उनकी समस्याओं का निराकरण करना उनकी प्राथमिकता है। गरीब-असहाय विधवा महिलाओं के भरण-पोषण करने हेतु अन्न, धन, वस्त्र देना, जिन वृद्धों का कोई नहीं है, ऐसे जरूरतमंद लोगों की यथाशक्ति सहायता कर मन में अपार हर्ष व शांति की अनुभूति प्राप्त होती है। वहीं जो बच्चा पढ़ने में होशियार है, लेकिन आगे की पढ़ाई कर पाने में आर्थिक रूप से कमजोर है, उस बच्चे की फीस के साथ-साथ पढ़ाई से संबंधित खर्च उठाकर राजकुमार पांडे उसकी हरसंभव मदद करते हैं। उर्मिला फाउंडेशन संस्था की ओर से फ्री ब्लड चेकअप कैंप, ब्लड डोनेशन कैंप, फ्री आई चेकअप, फ्री चश्मा वितरण कैंप, दीपावली के समय अनाथ बच्चों को मिठाई, सड़क पर सोने वालों को कंबल बांटने जैसे कई सराहनीय कार्य किए जा रहे हैं। कोरोना के दौरान लोगों की हरसंभव मदद करनेवाले राजकुमार पांडेय कहते हैं कि पिता माता शंकर पांडेय को प्रेरणास्रोत मान उनके पदचिह्नों पर चलते हुए मैं समाज सेवा कर रहा हूं।

अन्य समाचार