फिल्म ‘मसान’, ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’, ‘गोलियों की रासलीला- राम लीला’, ‘फुकरे’ जैसी फिल्मों में काम कर चुकीं ऋचा चड्ढा काफी पढ़े-लिखे परिवार से संबंध रखती हैं। संजय लीला भंसाली की वेब सीरीज ‘हीरामंडी’ में ‘लज्जो’ का किरदार निभानेवाली ऋचा नेटफ्लिक्स और संजय भंसाली के सीक्वल ‘हीरा मंडी-२’ का हिस्सा होंगी। पेश है, ऋचा चड्ढा से पूजा सामंत की हुई बातचीत के प्रमुख अंश-
–बहुत जल्द आपके घर में एक नया मेहमान आनेवाला है?
मैं बहुत ही ज्यादा एक्साइटेड हूं। अली को मैं २०१५ से जानती हूं। फिल्म ‘विक्टोरिया एंड अब्दुल’ के प्रीमियर पर हमारी मुलाकात आगे चलकर दोस्ती और प्यार में तब्दील हो गई। हमने २०२० में शादी की और २०२४ में हम माता-पिता बन रहे हैं। जब से मैं अली से मिली हूं तब से लेकर आज तक हमारे रिश्ते में कोई अंतर नहीं आया। अब माता-पिता बनने से जिम्मेदारी बढ़ेगी, इस एहसास से थोड़ी नर्वस भी हूं।
-मां बनने के बाद क्या करियर जारी रखेंगी?
क्यों नहीं? वक्त तेजी से बदल रहा है और बदल चुका है। यह उन मांओं के लिए सुनहरा दौर है जो अपने बच्चों की परवरिश के साथ अपना काम जारी रखना चाहती हैं। मुझे याद है जब मेरे भाई का जन्म हुआ तो मां ने डिलिवरी के ४५ दिनों बाद ही अपना काम शुरू कर दिया था। मैं भी हमेशा कार्यरत रहना चाहूंगी।
– एक्टिंग में मशरूफ होने के बावजूद आप और अली ने फिल्म प्रोडक्शन शुरू किया?
चलती-फिरती जिंदगी में कई बार कुछ ऐसी घटनाओं से सामना होता है, जब महसूस होता है यह तो एक फिल्म का विषय है। यह जरूरी नहीं कि मेरे द्वारा सुझाई गई कहानी में किसी और निर्माता को कहानी के जर्म नजर आए। अच्छी और रोचक कहानियों को हम हमारी फिल्मों के जरिए साझा करना चाहते हैं।
क्या आप दोनों के बीच ‘क्रिएटिव डिफरेंस’ की गुंजाइश नहीं है?
किसी मुद्दे को लेकर वैचारिक मतभेद होना आम बात है, लेकिन मतभेदों में तिरस्कार नहीं होना चाहिए। अली को लव स्टोरीज आकर्षित करती हैं। मैं सोचती हूं एक्शन का तड़का कहानियों में हो तो वो यूनिवर्सल अपील बन जाती है। मेरी सभी बातों को अली सिर्फ यस कहते रहेंगे तो बात हजम नहीं होगी।
-आपके प्रोडक्शन की फिल्म ‘गर्ल्स विल बी गर्ल्स’ इंटरनेशनली सराही जा रही है?
सूचि तलाटी निर्देशित हमारी यह फिल्म २१ अगस्त को फ्रांस में रिलीज होगी। इस फिल्म में सभी होनहार कलाकार हैं। कहानी बताकर मैं कहानी का मजा किरकिरा नहीं करना चाहती।
-वेब शो ‘हीरामंडी’ ने ओटीटी पर हंगामा खड़ा कर दिया, क्या कहना चाहेंगी?
भंसाली की जो क्रिएशन है, बस वही कर सकते हैं। हर कलाकार चाहता है कि उसे भंसाली के साथ काम करने का मौका नसीब हो। एक स्त्री का चित्रण जिस खूबसूरती से भंसाली करते हैं कोई और नहीं कर पाएगा। मैंने ‘लज्जो’ का किरदार निभाया, जिसे काफी प्रशंसा मिली। उनके साथ जो काम करेगा यकीनन वो अपनी कला, अपने फन में माहिर होगा। दुनिया भर में ‘हीरामंडी’ कई मर्तबा देखी जा रही है और अब इसका दूसरा सीजन आ रहा है। परफेक्शन का दूसरा नाम हैं संजय लीला भंसाली।
– सुना है, ‘हीरामंडी’ में आप डांस सीक्वेंस परफॉर्म करते समय रो पड़ी थीं?
अभी तो मैंने बताया कि भंसाली कितने परफेक्शनिस्ट हैं। जब तक शॉट द बेस्ट न हो रीटेक तो होते रहेंगे। लज्जो को मुजरा करते हुए दिखाया है, यह कत्थक के तोड़े हैं। मेरे लगातार ९९ रिटेक्स हुए तो मैं घबरा गई। यह सोचकर कि मेरा शॉट फाइनल होगा या नहीं मेरी आंखों में आंसू आ गए। ९९ रिटेक्स के बाद मेरा कत्थक वाला मुजरा ओके हुआ।
– इंडस्ट्री में १५ वर्ष पूरा करने के बाद आप कैसा महसूस करती हैं?
मेरी जर्नी स्लो एंड स्टेडी रही है। मुझे लगता है मेरी हर फिल्म और हर किरदार ने मुझे सिखाया है, जिससे मेरी ग्रोथ हुई है। मैं रातों-रात स्टार नहीं बनी धीरे-धीरे आगे बढ़ रही हूं। मेरा किरदार ‘भोली पंजाबन’ इतना पॉपुलर हुआ कि ‘फुकरे’ और ‘फुकरे रिटर्न्स’ की तरह आगे भी मुझे वैसे ही सारे रोल ऑफर होने लगे। आज भी ‘भोली पंजाबन’ का स्टैम्प पूरी तरह से हटा नहीं है। अब मेरे कई फैंस मुझे ‘लज्जो’ के नाम से जानने लगे हैं। यह मेरी नई पहचान है और जहां तक बदलाव की बात है ओटीटी की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। यही सबसे बड़ा बदलाव है।