सामना संवाददाता / ठाणे
विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित हो चुकी है और भाजपा की तरफ से पहली सूची आ गई है। जिसमें ठाणे विधानसभा सीट महायुति में भाजपा के कोटे में गई है और संजय केलकर को उम्मीदवारी दी गई है। ऐसे में शिंदे गुट में बेचैनी पैदा हो गई है और अब बगावत के सुर उभरने लगे हैं। इस सीट से चुनाव लड़ने के इच्छुक शिंदे गुट के पूर्व नगरसेवक संजय भोईर और पूर्व महापौर मीनाक्षी शिंदे चुनाव लड़ने पर अड़ गए हैं। दोनों ने मंगलवार को ठाणे विधानसभा के लिए नामांकन फॉर्म लिया है। ऐसे में चर्चा है कि ठाणे विधानसभा में महायुति में बगावत होनी तय मानी जा रही है।
बता दें कि भाजपा ने शिंदे के ठाणे विधानसभा क्षेत्र में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है। लोकसभा चुनाव में ठाणे की सीट शिंदे गुट के खाते में चली गई थी इस समय विधायक संजय केलकर ने लोकसभा चुनाव में मदद नहीं करने का दावा किया था तो शिंदे गुट की ओर से नाराजगी के सुर उठने लगे। अब विधानसभा चुनाव में शिंदे गुट में विरोध के स्वर दिखाई दे रहे हैं। पूर्व स्थायी समिति अध्यक्ष व पूर्व नगरसेवक संजय भोईर ने भाजपा प्रत्याशी केलकर का अब खुला विरोध करना शुरू कर दिया है। भोईर का कहना है कि यह भूमिका सिर्फ उनकी ही नहीं बल्कि शिंदे गुट के कार्यकर्ताओं की भी है। क्योंकि विधायक संजय केलकर महायुति सरकार का हिस्सा होने के बावजूद हमेशा शिंदे गुट पर हमला बोलते आए हैं और उन्होंने पिछले १० वर्षों में कोई बड़ा विकास कार्य नहीं किया। साथ ही वे हमेशा शिंदे गुट के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को परेशान करने और विकास कार्यों का विरोध कर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने का काम करते रहे हैं।